Manoj Bajpayee Birthday: अपने तीन दशक से अधिक लंबे करियर में मनोज बाजपेयी ने अपने अभिनय से हर बार दर्शकों को हैरान कर दिया है. सत्या से लेकर फैमिली मैन तक, मनोज बाजपेयी ने अपने अभिनय में हर किरदार के साथ नए आयाम जोड़े हैं. वर्सटाइल एक्टर मनोज बाजपेयी आज यानी 23 अप्रैल 2024 को अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं उनके सफर पर.
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Manoj Bajpayee Birthday: मनोज बाजपेयी को आज फिल्म इंडस्ट्री के सबसे शानदार अभिनेताओं में से एक माना जाता है. मनोज बाजपेयी ने 1994 में 'बेंडिट क्वीन' के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. अपने तीन दशकों से ज्यादा वक्त के करियर में मनोज बाजपेयी ने कई शानदार और यादगार किरदार निभाए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने पहले ही शॉट के बाद मनोज बाजपेयी को डायरेक्टर ने गेट आउट कह दिया था?
मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था, ''यह सफर आसान नहीं रहा. मैंने कई उतार-चढ़ाव देखें. यह एक रोलर-कोस्टर राइड की तरह था. मैं नहीं चाहता कि कोई भी उस चीज का सामना करे, जिसका सामना मैंने किया, क्योंकि 25 साल तो सिर्फ फिल्में और अच्छे रोल पाने के संघर्ष में बीते हैं.''
9 साल की उम्र में कर लिया था एक्टर बनने का फैसला
ह्युमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में खुलकर बात की थी. उन्होंने बताया था, ''मैं एक किसान का बेटा हूं. बिहार के गांव में पला-बढ़ा हूं. छप्पर वाले स्कूल में 5 भाई-बहनों के साथ गया. मैं बच्चन का बहुत बड़ा फैन रहा और उनके जैसे बनना चाहता था. 9 साल की उम्र में मैं जानता था कि एक्टिंग ही मेरी किस्मत है. 17 साल की उम्र में दिल्ली आ गया. मेरे परिवार को मेरे थियेटर के बारे में कुछ नहीं पता था. पिताजी को एक खत लिखा और बताया, लेकिन वह गुस्सा नहीं हुए और 200 रुपये मुझे भेज दिए.
3 बार हुए NSD से रिजेक्ट
मनोज बाजपेयी ने बताया था कि मैंने एनएसडी में अप्लाई किया था, लेकिन तीन बार रिजेक्ट कर दिया गया. मैं आत्महत्या करने के करीब था. मेरे दोस्त मेरे साथ सोते थे और मुझे कभी भी अकेला नहीं छोड़ते थे. वह तब तक मेरे साथ रहे, जब तक मुझे एडमिशन नहीं मिल गया.
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जब पहले शॉट के बाद डायरेक्टर ने कहा था- गेट आउट
मनोज बाजपेयी ने बैंडिट क्वीन में कास्टिंग के बारे में बात करते हुए कहा था, ''उस साल में एक चाय की दुकान पर बैठा हुआ था और तिग्मांशु धूलिया अपने खटारा स्कूटर पर आए. उन्होंने बताया कि शेखर कपूर मुझे बैडिंट क्वीन में कास्ट करना चाहते हैं. मैं मुंबई चला गया. शुरुआत काफी मुश्किल थी. मैं काम की तलाश में था, लेकिन कोई रोल नहीं मिल रहा था. एक बार एक असिस्टेंड डायरेक्टर ने मेरी फोटो फाड़ दी थी. मैंने एक ही दिन में 3 प्रोजेक्ट गंवाए थे. अपने पहले ही शॉट के बाद मुझे डायरेक्टर ने गेट आउट बोल दिया था. सफर काफी मुश्किल था, लेकिन मनोज बाजपेयी ने हार नहीं मानी.
जीते 3 नेशनल अवॉर्ड
1998 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म सत्या से उन्हें पहचान मिली. इस फिल्म के लिए मनोज को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. इसके बाद 2004 में पिंजर के लिए उन्होंने स्पेशल जूरी अवॉर्ड जीता. 2021 में आई फिल्म भोंसले के लिए मनोज बाजपेयी ने बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड जीता. मनोज बाजपेयी ने शूल, फिजा, जुबैदा, अक्स, वीर-जारा, राजनीति, आरक्षण, गैंग्स ऑफ वासेपुर, स्पेशल 26, तांडव, अलीगढ़, बुधिया सिंह, गली गुलियां, भोंसले, सोन चिरैया, सिर्फ एक बंदा काफी है, जोरम जैसी शानदार फिल्मों में दमदार अभिनय से सबका दिल जीता है.