Sanjana Sanghi को याद आए Sushant के संग बिताए हुए पल, खोले कई राज
आज सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) हमारे बीच नहीं है लेकिन उनसे जुड़ी हर बात, हर खबर, फैंस के दिल में उत्सुकता पैदा कर देती है.
नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) हमारे बीच नहीं है लेकिन उनसे जुड़ी हर बात, हर खबर, फैंस के दिल में उत्सुकता पैदा कर देती है. पर्सनल लाइफ हो या फिल्मों की खबर, हर पन्ना अपने आप में लोग संजो के रखना चाहते हैं. संजना सांघी (Sanjna Sanghi) ही ऐसी सख्श हैं जिन्होंने सुशांत के साथ आखिरी फिल्म की और उन पलों को भी महसूस किया जिनसे सुशांत गुजर रहे थे. एक दोस्त होने के नाते संजना ने सुशांत को सपोर्ट किया.
दोनों में कई बातें एक जैसी
क्या आप जानते हैं कि ऐसी बहुत बातें हैं जो दोनों में एक जैसी थीं. सेट पर पहले ही दिन दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई. सुशांत वैसे तो अंतर्मुखी थे लेकिन संजना से उनकी दोस्ती झटपट हो गई. सुशांत की ही तरह संजना भी अपने कॉलेज की टॉपर रह चुकी हैं. सुशांत ने फिजिक्स में टॉप किया था तो वही संजना पॉलिटिकल साइंस की टॉपर रह चुकी है. सेट पर दोनों अपने किताबी ज्ञान पर घंटों-घंटों बाते करते थे. सुशांत की ही तरह संजना को भी किताबें पढ़ने का काफी शौक है. संजना कहती हैं कि सुशांत हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे.
इसलिए आसान हुआ किरदार
दोनों ने ही 'द फॉल्ट इन आवर स्टार्स' हॉलीवुड फिल्म और किताब पढ़ी हुई थी. इसी वजह से अपने-अपने कैरेक्टर को जीना इन दोनों के लिए बहुत ही आसान और रोमांचक था.
स्क्रिप्ट की हालत पुराने नॉवल सी
इससे जुड़ी एक वाकये के बारे में संजना बताती हैं कि कैसे वो और सुशांत इस फिल्म की स्क्रिप्ट को पढ़ते थे, संजना ने कहा कि हम दोनों, पढ़ाकू, स्क्रिप्ट को शुरू से अंत तक एक-एक करके पढ़ते थे. हमारी स्क्रिप्ट ऐसी दिखती थी मानो फटी हुई नॉवेल हो जो काफी सालों पुरानी है. मैं बहुत नर्वस रहती थी. लेकिन मुकेश छाबड़ा (निर्देशक) के कहने के बाद हम सब सहज हो जाते थे.
सुशांत को जमीन पर बैठकर खाना पसंद था
संजना बताती हैं कि सुशांत भी उन्हीं की तरह खाने के बड़े शौकीन थे. लंच के टाइम पर पूरा टेबल खाने से भर जाता था. लेकिन तीनों को खाना फर्श पर ही खाना अच्छा लगता था. संजना कहती है, सुशांत अक्सर खाते वक्त उनका मजाक उड़ाया करते थे कि वह कितना ज्यादा खा सकती है. इतना ही नहीं संजना यह भी कहती हैं कि एक बार खाने के ही दौरान उनके पापा का फोन आया था कि उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में गोल्ड मेडल हासिल किया है, और यह खबर सुनते ही सुशांत और डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा काफी खुश हुए और ढेर सारी बधाइयां दी.
वो कहती हैं कि 'शिक्षा और सिनेमा के लिए सुशांत की कही बातें अनमोल हैं जिसे मैंने संभाल कर रखी है.'
सुशांत की जिंदादिली और खुशमिजाजी को संजना ने बहुत ही करीबी से देखा है. पर उनके इस तरह चले जाने से वह खुद भी अचंभित हैं. दोनों की फिल्म 'दिल बेचारा' 24 जुलाई को रिलीज की जाएगी.