‘एक्ट्रेस को सिर्फ स्क्रीन पर ही देखा जाना चाहिए’, ये कहकर लाइमलाइट से दूर हो गई एक्ट्रेस, मरते दम तक नहीं दिखाया चेहरा
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‘एक्ट्रेस को सिर्फ स्क्रीन पर ही देखा जाना चाहिए’, ये कहकर लाइमलाइट से दूर हो गई एक्ट्रेस, मरते दम तक नहीं दिखाया चेहरा

Bollywood Rewind: रमा सेन जो स्क्रीन पर सुचित्रा सेन के नाम से जानी गईं. हिंदी सिनेमा की वो कलाकार जिन्होंने एक फिल्म फ्लॉप होते ही एक्टिंग छोड़ दी और फिर कैमरों से अपना नाता हमेशा के लिए तोड़ लिया.

सुचित्रा सेन

Suchitra Sen Life Story: ‘मैं एक एक्ट्रेस हूं और मुझे सिर्फ स्क्रीन पर ही देखा जाना चाहिए.’ इस बात को पूरी शिद्दत से मानती थीं सुचित्रा सेन तभी तो एक बार जो कैमरे से नजरें फेरी तो फिर कभी कैमरों में उनका चेहरा कैद ना हो सका. आखिरी बार जिस रूप में उन्हें देखा गया था आज भी लोगों को वही सुचित्रा याद है. बड़ी और उम्रदराज होने पर हिंदी सिनेमा की महान अभिनेत्री कैसी लगती थी ये राज उनके साथ ही चला गया. यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार में भी सुचित्रा का चेहरा कोई नहीं देख पाया था. 

शादीशुदा और मां बनने के बाद बनीं एक्ट्रेस
जी हां...जिस दौर में महिलाओं का अभिनय की दुनिया में आना ही काफी मुश्किलों भरा था. उस वक्त में सुचित्रा ने शादीशुदा होने और मां बनने के बाद फिल्मों में आने का फैसला लिया था. सुचित्रा का असली नाम रमा सेन था लेकिन स्क्रीन पर वो सुचित्रा के नाम से फेमस हुईं. 1952 में उन्होंने बंगाली फिल्म में काम किया लेकिन उनकी पहली फिल्म ही रिलीज नहीं हुई. इसके बाद दूसरी फिल्म फ्लॉप हुई तो तीसरी में उनकी भूमिका महज एक्स्ट्रा एक्ट्रेस की रह गई. लेकिन 1953 में उनकी किस्मत बदली और उनकी फिल्म साढे चौहत्तर हिट हो गई. बंगाली सिनेमा में खूब नाम कमान के बाद इन्होंने बॉलीवुड में भी काम किया. 

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बनीं देवदास में पारो
सुचित्रा को खासतौर से बिमल रॉय की देवदास में पारो की भूमिका के लिए याद किया जाता है. एक दौर ऐसा भी आया कि सुचित्रा बंगाली इंडस्ट्री की सबसे महंगी एक्ट्रेस बन गईं. यहां तक कि कई फिल्मों में उन्हें हीरो से भी ज्यादा फीस मिली. 1978 में सुचित्रा की फिल्म प्रणय पाशा रिलीज हुई थी लेकिन ये फिल्म कुछ खास चली नहीं. बस फिर ना जाने उन्हें कैमरों से कैसा मोहभंग हुआ कि इसके बाद की उनकी कोई तस्वीर कैमरों में कैद नहीं हुई. ना उन्होंने फिल्में की, ना इंटरव्यू और ना ही किसी भी तरह उनकी कोई तस्वीर ही ले पाया. 

अंतिम संस्कार में भी नहीं दिखा चेहरा
सुचित्रा सेन की तबीयत दिसंबर, 2013 में काफी बिगड़ी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. शुरुआत में लगा था कि उनकी तबीयत सुधर जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वो 80 साल की उम्र में जनवरी, 2014 में चल बसीं. उस वक्त मीडिया में उनकी एक तस्वीर लेने की होड़ थी लेकिन ये नहीं हो सका. अंतिम संस्कार में भी उनकी प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा गया.      

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