ED Arrested Kejriwal: दिल्ली शराब घोटाले में जब ईडी ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं को निशाना बनाना शुरू किया तो सबकी निगाहें अरविंद केजरीवाल पर थीं. पक्ष हो या विपक्ष दोनों की तरफ से इस मामले पर प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही थीं. फिर एक-एक करके ईडी की गिरफ्तारी शुरू हुई और अब खुद आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम को भी ईडी ने अरेस्ट कर सनसनी मचा दी है. यहां ये बात महत्वपूर्ण है कि दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से केजरीवाल की पार्टी को मायूसी हाथ लगी थी, इसका मतलब यह हुआ कि ईडी के तर्कों से दिल्ली हाईकोर्ट सहमत हुई है. 


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इन सबके बीच विपक्ष ने साफ-साफ इस कार्रवाई के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. राहुल गांधी से लेकर शरद पवार और एमके स्टालिन तक, इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आलोचना की है. लेकिन अब सवाल ये भी है कि क्या इस गिरफ्तारी ने छिटके विपक्ष में जान फूंकने का काम किया है. इसे समझने की जरूरत है. यह भी समझना होगा कि क्या इस बात की भी गुंजाइश है कि ये बीजेपी के लिए कम से कम घाटे का सौदा साबित हो सकता है.


कोर्ट में फिलहाल ईडी सफल..
दोनों चीजों को ऐसे समझने की जरूरत है कि ईडी बार-बार अरविंद केजरीवाल को समन भेज रही थी और वो बार-बार उसे नजरअंदाज कर रहे थे, सेशन कोर्ट से लेकर मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंचा, दिल्ली हाईकोर्ट ने तो बकायदा केजरीवाल को झटका दिया कि वह गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगा सकती है. इसके बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई.  इसका मतलब साफ है कि कोर्ट में ईडी केजरीवाल के खिलाफ तर्क देने में सफल हुई है. राजनीतिक विश्लेषक ऐसा भी मान रहे हैं कि अगर केजरीवाल समन का जवाब देते तो शायद तस्वीर कुछ और भी होती. इसलिए बीजेपी इस पूरे मामले से खुद को जरूर पुख्ता तरीके से अलग दिखाएगी.


विपक्ष के सामने चुनौती या अवसर?
वहीं अब विपक्ष के सामने चुनौती वही वाली है जो इंडिया गठबंधन के गठन के बाद से बनी है. सीट शेयरिंग के बाद भले ही एकजुट दिखने की कोशिश की गई लेकिन सच यह है कि दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शराब घोटाले पर खुलकर केजरीवाल पर हमला बोला है. इतना ही नहीं गिरफ्तारी के बाद भी कई विपक्षी नेताओं के बयान देखिए, उन्होंने गिरफ्तारी की आलोचना की लेकिन केजरीवाल का नाम नहीं लिया और कहा कि इंडिया गठबंधन इस गिरफ्तारी से नहीं डरेगा.


वेट एंड वॉच या कुछ एक्शन?
गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं के बयानों में एक खास बात यह भी है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को पीएम मोदी के सामने खड़ा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ही पीएम मोदी की जगह ले सकते थे इसलिए उन पर कार्रवाई की है. यह बात शायद ही कांग्रेस को हजम हो क्योंकि कांग्रेस के लिए सर्वमान्य नेता राहुल ही हैं और इसको लेकर इंडिया गठबंधन में पहले भी मतभेद सामने आ चुके हैं.


आप की अलग चुनौती: सरकार और संगठन दोनों
अब फिलहाल कई चीजें सामने आ सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या होगा, ये भी देखने वाली बात होगी. इंडिया गठबंधन क्या करेगा इस पर भी राजनीतिक पंडितों की निगाहें है. ये बात सही है कि आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता अब जेल में हैं और संगठन के साथ सरकार को अकेले चला लेने का माद्दा अभी दूसरी पंक्ति के नेताओं में नहीं दिखा है. ऐसे में क्या होगा, यह भी जल्दी ही क्लियर हो जाएगा.