बदलापुर एनकाउंटर पर सियासी संग्राम, शिवसेना ने बांटी मिठाई; जानें 12 अगस्त से 23 सितंबर तक की पूरी कहानी
Akshay Shinde Encounter: महाराष्ट्र के बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे की गोली लगने से मौत हो गई है, जिस पर करीब 1 महीने पहले स्कूल के बाथरूम में 2 नाबालिग लड़कियों के साथ रेप का आरोप लगा था, तब से वह जेल में बंद था.
Badlapur Rape Case Accused Encounter: महाराष्ट्र के बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे की गोली लगने से मौत हो गई है. अक्षय शिंदे बदलापुर के एक स्कूल में सफाईकर्मी था, जिस पर स्कूल की नाबालिग लड़कियों के साथ रेप का आरोप लगा था और तब से वह जेल में बंद था. लेकिन, सोमवार को जब पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड के लिए जेल से थाने लेकर जा रही थी. तभी शाम करीब साढ़े छह बजे मुंब्रा बाइपास के पास आरोपी अक्षय शिंदे ने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर खींच ली. इसके बाद आरोपी ने पुलिसवालों पर 3 गोलियां चलाईं. एक गोली पुलिसकर्मी के पैर में जाकर लगी. पुलिस के मुताबिक 2 गोलियां मिसफायर हो गईं. गोली लगने के बाद भी पुलिसकर्मी ने आरोपी पर हमला कर उसे घायल कर दिया और बाद में उसकी मौत हो गई.
शिवसेना ने बांटी मिठाई
बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे की गोली लगने से हुई मौत के मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि एनकाउंटर के बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर शिवसेना नेता ने मिठाई बांटी. आरोपी के मारे जाने के बाद शिवसेना के कई नेता बदलापुर स्टेशन पर पोस्टर बैनर लेकर आए थे और उन्होंने मिठाई बांटी. दरअसल, बदलापुर स्टेशन वहीं जगह है, जहां नाबालिग से रेप के बाद हजारों की संख्या में लोग जुटे और आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहे थे.
अक्षय शिंदे की मां ने क्या कहा?
आरोपी अक्षय शिंदे की मां और चाचा ने इस घटना को साजिश करार दिया है और न्याय की मांग की. अक्षय की मां ने कहा कि पुलिस ने किसी और को बचाने के लिए उनके बेटे का एनकाउंटर किया है. उन्होंने कहा कि उनको पुलिस के अलावा स्कूल प्रशासन पर शक है. इसकी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सोमवार को जब वह अपने बेटे अक्षय से मिली तो उसने बताया था कि पुलिस वालों ने उसे बहुत पीटा है.
जानें 12 अगस्त से 23 सितंबर तक की पूरी कहानी
12 अगस्त: बदलापुर के आदर्श स्कूल में 2 बच्चियों का यौन शोषण
13 अगस्त: स्कूल के अंदर हुई यौन शोषण की घटना के बाद स्कूल जाने से डरने लगीं बच्चियां
14 अगस्त: एक बच्ची ने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की. फिर दोनों बच्चियों के माता-पिता उन्हें डॉक्टर के पास ले गए.
16 अगस्त: देर रात दोनों बच्चियों के पैरेंट्स शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया.
17 अगस्त: सुबह जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने आदर्श नगर स्कूल में काम करने वाले आरोप स्वीपर अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया. कोर्ट ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
19 अगस्त: स्कूल प्रशासन सक्रिय हुआ और कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया. क्लास टीचर और एक महिला कमर्चारी को भी बर्खास्त किया. सफाईकर्मियों को मुहैया कराने वाली एजेंसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर दिया और सभी अभिभावकों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी.
20 अगस्त: घटना के बाद लोगों में आक्रोश दिखा और गुस्साई भीड़ ने स्कूल में तोड़फोड़ के साथ ही बदलापुर रेलवे स्टेशन ब्लॉक कर दिया. हिंसा के आरोप में पुलिस ने 72 लोगों को गिरफ्तार किया. मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया गया.
21 अगस्त: घटना को लेकर विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र बंद बुलाया, जिसका उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने समर्थन किया.
22 अगस्त: बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया और इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि बच्चों के लिए स्कूल सुरक्षित नहीं हैं तो बच्चे कहां जाएं.
26 अगस्त: विशेष जांच दल (SIT) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें स्कूल के प्रिंसिपल, एक टीचर और प्रबंधन के सदस्यों को घटना की जानकारी ना देने को लेकर सह-आरोपी बनाया गया.
22 सितंबर: विशेष जांच दल (SIT) ने जांच पूरी कर ली और पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत के सामने चार्जशीट दाखिल किया. एसआईटी ने कहा कि आरोपी स्वीपर अक्षय शिंदे के खिलाफ मजबूत मामला तैयार कर लिया है. इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपल और मैनेजमेंट के 2 सदस्यों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट न करने के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
23 सितंबर: स्कूल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को जब तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी. इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसमें वो घायल हो गया. घटना के बाद, उसे कालवा स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चोटों के चलते उसने दम तोड़ दिया. आरोपी अक्षय शिंदे की मां और चाचा ने इस घटना को “मुठभेड़” करार दिया और न्याय की मांग की.
कैसे हुआ था पूरे मामले का खुलासा
बता दें कि 14 अगस्त को बदलापुर में एक बच्ची ने अपने माता–पिता से प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की थी. बच्ची से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके स्कूल में काम करने वाले 23 साल के एक सफाईकर्मी ने उसके प्राइवेट पार्ट को टच किया था. इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी की क्लास में पढ़ने वाली दूसरी बच्ची के माता-पिता से संपर्क किया, तो उन्होंने भी यही बताया कि उनकी बच्ची भी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है. इसके बाद दोनों बच्चियों को मेडिकल टेस्ट के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि दोनों के साथ बदसलूकी हुई है.
दोनों बच्चियों के माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाए उन्हें कई घंटे तक बाहर बैठाकर रखा और आश्वस्त किया कि घटना की जांच की जा रही है. आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले में जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर अगली सुबह पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश दिखा. आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इस घटना को लेकर राज्य में हिंसात्मक स्थिति भी देखने को मिली. इसे देखते हुए 72 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया.