Dawood Ibrahim: लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भी सुर्खियों में था दाऊद इब्राहिम, गैंगस्टर की मौत को कंफर्म या खारिज क्यों नहीं कर पाता पाकिस्तान
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Dawood Ibrahim: लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भी सुर्खियों में था दाऊद इब्राहिम, गैंगस्टर की मौत को कंफर्म या खारिज क्यों नहीं कर पाता पाकिस्तान

Loksabha Elections 2024: पाकिस्तान में छिपे भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर देने, उसके अस्पताल में भर्ती होने और मारे जाने की अटकलों के बीच एक के बाद एक नई खबर सामने आ रही है.हालांकि, पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर कुछ भी नहीं कह पा रहा है. दूसरी ओर, अगले साल भारत में लोकसभा चुनाव है तो पड़ोसी मुल्क भी आम चुनाव का सामना करने वाला है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक चुनावों के दौर में दाऊद इब्राहिम जैसों का जिक्र अब शायद ही सनसनीखेज हो पाए.

Dawood Ibrahim: लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भी सुर्खियों में था दाऊद इब्राहिम, गैंगस्टर की मौत को कंफर्म या खारिज क्यों नहीं कर पाता पाकिस्तान

Dawood Ibrahim In Pakistan: भारत के मोस्ट वॉन्टेड भगोड़े और दुनिया के तीसरे बड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) को जहर देने, उसके अस्पताल में भर्ती होने और मर जाने की अटकलों को कंफर्म या खारिज करने को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) पेशोपेश में ही फंसा रहा. हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल होने की स्पीड से ही यह चर्चा आउट हो गई.विश्वसनीय खुफिया सूत्रों ने भले इसे अफवाह बताया, लेकिन राजनीतिक जानकारों ने इसे भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में अगले साल होने वाले आम चुनाव (General Elections) से जोड़कर देखने की कोशिश की. पाकिस्तान में अचानक इंटरनेट बंद होने और विपक्षी यानी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की एक वर्चुअल मीटिंग में कनेक्टिविटी ब्रेक किए जाने को भी इस शिगूफे से जोड़ा गया था. आइए, जानते हैं कि दाऊद इब्राहिम को लेकर पाकिस्तान क्यों अंतरराष्ट्रीय तौर पर हमेशा असमंजस में रहता है? साथ ही माफिया डॉन से आखिर उसका क्या रिश्ता है कि उसे 30 वर्षों से छिपाकर भी रखा हुआ है. 

मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट करवाकर पाकिस्तान में जाकर दुबका भगोड़ा दाऊद इब्राहिम

मुंबई में तीस साल पहले 12 मार्च 1993 को एक के बाद एक सिलसिलेवार 12 बम धमाके को अंजाम देकर सैकड़ों बेगुनाह आम लोगों की जान ले ली गई थी. मुंबई बम कांड के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम ने मजहबी कट्टरपंथ की खातिर इस शैतानी कांड को अंजाम देकर 1400 से अधिक मुंबईकरों को अपंग कर डाला था. भारतीय जांच एजेंसी से घबराकर मुंबई से दुबई के रास्ते भागे दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने न सिर्फ शरण दी, बल्कि तीन दशकों से छिपाकर उसे मेहमान की तरह पाल पोस रहा है.भारत की ओर से लगातार सबूत पेश किए जाने के बावजूद पाकिस्तान सार्वजनिक तौर इससे इनकार करता रहा है कि दाऊद इब्राहिम के उसके यहां छिपा हुआ है. पाकिस्तान में बेनज़ीर भुट्टो, नवाज शरीफ और इमरान खान तीनों प्रमुख दलों और नेताओं की सरकार आई और गई. बीच-बीच में सीधे तौर पर सेना की हुकूमत भी रही, मगर पाकिस्तान में कभी कुख्यात दाऊद इब्राहिम को लेकर सच कबूलने की हिम्मत नहीं हो सकी. कुख्यात आतंकवादी संगठन अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को लेकर भी पाकिस्तान दुनिया भर  के सामने ऐसे ही बेशर्मी से लगातार सफेद झूठ बोलता रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के ऑपरेशन में लादेन के मारे जाने के बाद सच सबके सामने आया था.

लोकसभा चुनाव 2014 से पहले उठा था दाऊद इब्राहिम को भारत लाने का मुद्दा

भारत में आतंक और अपराध के काले कारोबार में लगा दाऊद दुनिया के कई देशों में मोस्ट वॉन्टेड हो गया. इसको लेकर देश में कई बार सियासी शिगूफे भी छोड़े गए. 10 साल पहले लोकसभा चुनाव 2014 से पहले नवंबर, 2013 में यूपीए-2 के शासनकाल में सरकार की ओर से दावा किया गया था कि जल्द ही दाऊद इब्राहिम को घसीटकर भारत लाया जाने वाला है. चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई थी. तब चुनाव प्रचार में लगे भाजपा और एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी ने इस सवाल पर कहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान में छिपे ओसामा बिन लादेन को प्रचार करके ढेर नहीं किया था. दाऊद इब्राहिम को भी अखबार में विज्ञापन देकर भारत नहीं लाया जाएगा.इसके बाद चुनावी तौर पर यह मुद्दा पीछे छूट गया था.

20 साल पहले ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जा चुका है दाऊद इब्राहिम, दुनिया का तीसरा मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी

दाऊद इब्राहिम को साल 2003 में ही ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जा चुका है. साल 2011 में उसे दुनिया का तीसरा सबसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी भी घोषित किया गया था. भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को सौंपे गए डोजियर में दाऊद इब्राहिम के 14 पासपोर्ट, 15 नामों और 9 ठिकानों की लिस्ट है. इस सबके बावजूद पाकिस्तान ने कभी दाऊद इब्राहिम के अपने यहां छिपकर रहने और दुनिया भर में काले कारोबार को चलाने को कबूल नहीं किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्थिक कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान ने कई बार दाऊद इब्राहिम से मदद भी ली है. क्योंकि मजहबी आतंकवाद के अलावा ड्रग्स स्मगलिंग, क्रिकेट समेत कई खेलों में सट्टेबाजी, रियल एस्टेट, हवाला कारोबार, शॉपिंग मॉल्स, डांस बार, क्लॉदिंग, शिपिंग, शेयर मार्केट इनवेस्टमेंट और होटल इंडस्ट्री समेत कई सेक्टर्स में सीधे या किसी गुर्गे के जरिए दाऊद इब्राहिम ने अपने पैर पसार रखे हैं. दुनिया के कई देशों से हो रही दाऊद इब्राहिम की काली कमाई को लेकर  2015 में मशहूर बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने अनुमान लगाया था कि उसकी संपत्ति करीब 670 करोड़ डॉलर हो सकती है.

FATF का दबाव बढ़ने पर कंगाल पाकिस्तान ने की दाऊद इब्राहिम सिंडिकेट पर दिखावे की कार्रवाई

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से दबाव बढ़ने और ग्रे लिस्ट से नहीं निकाले जाने के नुकसान को देखकर पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम के सिंडिकेट पर दिखावे की कार्रवाई का नाटक भी किया था.इसको लेकर भी दुनिया भर में सवाल उठा था कि जब पाकिस्तान को मालूम है कि दाऊद का काला कारोबार वहां चल रहा है तो वह अपनी सरजमीन पर उसकी मौजूदगी कबूल क्यों नहीं करता. इंटेलिजेंस की और इंटरसेप्टेड कॉल्स में कई बार दाऊद इब्राहिम का जिक्र और उसकी आवाज होने का दावा किया जाता है, मगर पाकिस्तान खामोश बना रहता है. वहीं, दाऊद इब्राहिम को लेकर पाकिस्तान और भारत के साथ ही दुनिया भर में जब-तब कई तरह की खबरें उड़ती रहती हैं. कई बार साजिशन भी अफवाहें उड़ाई जाती रही हैं. रिपोर्ट्स में कभी दाऊद इब्राहिम को गंभीर बीमारियों का मरीज बताया जाता है, कभी हादसे में घायल बताया जाता है तो कई बार दाऊद इब्राहिम की मौत की अफवाह भी उड़ाई जाती है. हालांकि, बाद में यह फिजूल साबित होता है. बहरहाल, सैकड़ों निर्दोष भारतीय लोगों की हत्या के मामले में दाऊद इब्राहिम भारतीय एजेंसियों के टारगेट पर बना हुआ है. वैसे उसके काले कारनामों ने दुनिया भर में दुश्मन बना रखे हैं.

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