डॉलर के सामने क्यों हांफ रहा हमारा रुपया, कमजोर ₹ सिर्फ सरकार और RBI की टेंशन नहीं, मामला आपकी जेब और जिंदगी से है जुड़ा
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डॉलर के सामने क्यों हांफ रहा हमारा रुपया, कमजोर ₹ सिर्फ सरकार और RBI की टेंशन नहीं, मामला आपकी जेब और जिंदगी से है जुड़ा

  आपकी जेब में पड़ी नोट आपके लिए सबसे बड़ी ताकत है, जिसकी जेब जितनी मोटी, वो उतना ही ताकतवर होता है, लेकिन जिस रुपये के दम पर आपर ताकत नाम रहे हैं, वो खुद हांफ रहे है.  अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी की वैल्यू घटती जा रही है.

डॉलर के सामने क्यों हांफ रहा हमारा रुपया, कमजोर ₹ सिर्फ सरकार और RBI की टेंशन नहीं, मामला आपकी जेब और जिंदगी से है जुड़ा

How Week Rupees Impact Common Man:  आपकी जेब में पड़ी नोट आपके लिए सबसे बड़ी ताकत है, जिसकी जेब जितनी मोटी, वो उतना ही ताकतवर होता है, लेकिन जिस रुपये के दम पर आपर ताकत नाम रहे हैं, वो खुद हांफ रहे है.  अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी की वैल्यू घटती जा रही है. भारतीय रुपया मंगलवार को  अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.76 प्रति डॉलर पर पहुंच गयाय इससे पहले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर 84.71 के स्‍तर पर बंद हुआ, जो अब तक का सबसे निचला स्तर था. अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये सब आंकड़ें सरकार, अर्थव्यवस्था और आरबीआई के लिए हैं तो जरा ठहरिए. कमजोर हो रहा रुपया सिर्फ सरकार और रिजर्व बैंक की टेंशन नहीं बल्कि आपकी जेब पर असर डालता है. गांव से लेकर शहर तक हर जगह इस कमजोर रुपये का असर दिखेगा. आप औपकी जेब इसके बच नहीं पाएंगी. जब बात कमाई और महंगाई की हो तो समझिए कैसे कमजोर रुपया आपकी मुसीबत बढ़ा सकता है.  

कमजोर रुपये बढ़ाएगा मुसीबत  

रुपया जैसे-जैसे कमजोर होता है, आम लोगों की मुसीबत बढ़ती है. रुपये के रसातल में पहुंचने का असर महंगाई से लेकर जीडीपी पर पड़ता है.  आयात-निर्यात से लेकर विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों. सामान्य उपभोक्ताओं को कमजोर रुपये की मार झेलनी होगी. कमजोर रुपये का असर सीधा आपकी जेब पर पड़ने वाला है.  

क्यों कमजोर हो रहा है रुपया

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर हो रहा है. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से रुपये पर दवाब बढ़ता जा रहा है. हाल ही में ट्रंप के ब्रिक्स देशों के खिलाफ 100 फीसदी टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद से रुपया और टूटता जा रहा है. ट्रंप ने धमकी दी कि अगर ब्रिक्स देशों ने डॉलर से दूरी बनाने की कोशिश की और अगर ब्रिक्‍स मुद्रा आती है तो उनपर 100 फीसदी टैरिफ शुल्क लगाया जाएगा.  ट्रंप के इस बयान के बाद रुपया टूटकर ऐतिहासिक कमजोर स्‍तर पर पहुंच गया. 

आपकी जेब से लेकर जिंदगी पर डालेगा असर 

 रुपया जैसे-जैसे कमजोर होगा, आपकी जिंदगी और जेब पर असर डालेगा. जैसे-जैसे रुपये में कमजोरी आएगी, आम लोगों की मुश्किलें बढ़ती चली जाएगी.  आपको महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी.  रुपये में कमजोरी आने से आयात खर्च बढ़ेगा. हमे बाहरी देशों से सामान खरीदने के लिए अधिक खर्च करना होगा. चूंकि अधिकांश आयात-निर्यात डॉलर में होते हैं, ऐसे में रुपये के कमजोर होने पर हमें अधिक खर्च करना पड़ेगा और महंगाई बढ़ेगी.  

बढ़ जाएगा किचन का खर्च  

बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है. डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से तेलों के आयात का खर्च बढ़ेगा. तेल महंगा होने के मतलब है माल ढुलाई बढ़ना, जिसके चलते खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ जाती है. यानी इसका सीधा असर आम आदमी के इस्‍तेमाल वाली वस्‍तुओं पर होगा और देश में महंगाई बढ़ जाएगी.

विदेशी मुद्रा भंडार पर असर 

रुपये के कमजोर होने से आरबीआई का मुंद्रा भंडार नीचे आ सकता है. रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक को अपने भंडार में से अधिक डॉलर खर्च करने पड़ेंगे, जिसके चलते मदेश का विदेशी मुंद्रा भंडार कम हो जाएगा और इसका असर देश की जीडीपी से लेकर देश की इकोनॉमी पर पड़ सकता है. उन आयातकों का खर्च बढ़ेगा, जो बाहरी देशों से इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और उर्वरक या अन्य सामान मंगवाते हैं. उन्हें इन सामानों को मंगाने के लिए ज्यादा खर्च करने होंगे. और लागत की वसूली वो ग्राहकों यानी आपसे ही करेंगी. भारत में अधिकतर मोबाइल फोन, गैजेट, इलेक्ट्रिकल सामान के पार्ट्स आदि विदेशों से आयातच होते हैं. यानी रुपये के कमजोर होने पर इसकी कीमत और इसने बनने वाले प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ जाएंगे. 

आम लोगों की जिंदगी पर कमजोर रुपये का असर  

आयात महंगा होने से सिर्फ मोबाइल फोन या गैजेट्स ही नहीं महंगे होंगे, बल्कि सरसो और रिफाइन तेल भी महंगे हो जाएंगे. इन  तेलों के इस्तेमाल से बनने वाली चीजेम, जैसे चिप्स, नमकीन सब महंगे हो जाएंगे.  तेल की कीमत बढ़ने से माल ढुलाई महंगा हो जाएगा. सब्जी, फल, दूध सबकी कीमत में बढ़ोतरी होगी. बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए RBI को ब्याज दरों में इजाफा करना होगा. यानी आपका कर्ज, होम लोन, कार लोन सब महंगा हो जाएगा.  महंगाई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से देश में रोजगार पर असर दिखेगा.  MSME, रियल एस्टेट सेक्टरों में रोजगार पर दवाब आ सकता है.  आयात शुल्क बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़ेगा.  

पढ़ने-लिखने से लेकर घूमना-फिरना तक हो जाएगा महंगा 

रुपये की कमजोरी के चलते उन माता-पिता पर असर दिखेगा, जिनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं. रुपये के कमजोर होने से उन्हें अपने बच्चे की फीस से लेकर उनके रहने-खाने के लिए अधिक पैसे भेजने होंगे.  इसी तरह, विदेश घूमने जाने वालों को भी ज्‍यादा रुपये चुकाने पड़ेंगे.   

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