Explainer: क्या है इनकम टैक्स का सेक्शन 226(3)? जिसके जरिये कांग्रेस से वसूले गए 135 करोड़
Income Tax Recovery: सूत्रों की तरफ से बताया गया कि अप्रैल 2019 में हुए तलाशी अभियान के दौरान आयकर विभाग ने जो आपत्तिजनक सामग्री जब्त की, उसके आधार पर ही चुनावी प्रक्रिया में नकदी का इस्तेमाल करने के बारे में पता चला.
Congress 135 Crore Recovery: आयकर विभाग ने कांग्रेस से 135 करोड़ रुपये की वसूली की है. एक रिपोर्ट के अनुसार पार्टी से यह इनकम टैक्स की वसूली चुनावी प्रक्रिया के दौरान नकदी के का इस्तेमाल करने के कारण हुई है. दरअसल, नकदी उपयोग करने के कारण कांग्रेस ने साल 2018-19 में इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट खो दी थी. सूत्रों की तरफ से जानकारी दी गई कि पार्टी से 135 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली आयकर अधिनियम के प्रावधानों के हिसाब से है. सूत्रों ने बताया कि अप्रैल 2019 में तलाशी अभियान के दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जो आपत्तिजनक सामग्री जब्त की, उसके बेस पर चुनावी प्रक्रिया में नकदी का इस्तेमाल करने का पता चला.
क्या है पूरा मामला?
सूत्र ने बताया कि ऐसे में पार्टी के एसेसमेंट को सात साल (साल 2014-15 से 2020-21 तक) के लिए फिर से ओपन किया गया. इसके बाद 2021 में कांग्रेस पार्टी से टैक्स की मांग की गई. साथ ही आयकर का भुगतान करने के लिए कई बार पत्र भेजे गए. कार्यवाही के दौरान कांग्रेस की तरफ से दायर की गई स्थगन याचिका भी खारिज हो गई. इसके बाद, आकलन आदेश के 33 महीने और आयकर आयुक्त (अपील) के आदेश के 10 महीने बाद भी कांग्रेस की तरफ से आयकर का भुगतान नहीं किया गया. विभाग ने उसके बाद आयकर अधिनियम की धारा 226 (3) के तहत वसूली कार्यवाही शुरू की.
कितनी की गई वसूली
कानूनी प्रावधानों के अनुसार कांग्रेस पार्टी से करीब 135 करोड़ रुपये की बकाया मांग की वसूली कार्यवाही शुरू की गई. इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) और दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद आयकर कानून, 1961 के प्रावधानों के अनुसार 135 करोड़ रुपये की वसूली की गई. इससे पहले कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि लोकसभा चुनाव से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पांच अलग-अलग फाइनेंशियल ईयर के टैक्स रिटर्न में गलतियों के लिए 1823.08 करोड़ रुपये के भुगतान के नए नोटिस जारी किए हैं.
भाजपा पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना!
कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया कि आयकर विभाग ने भाजपा को लेकर आंखें बंद कर ली हैं. भाजपा पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना बनता है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले ‘कर आतंकवाद’ (टैक्स टेररिज्म) के जरिये विपक्ष पर हमला किया जा रहा है. पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि जिन मापदंडों के आधार पर कांग्रेस को जुर्माने के नोटिस दिए गए हैं, उन्हीं के आधार पर भारतीय जनता पार्टी से 4600 करोड़ रुपये से आधिक के भुगतान की मांग करनी चाहिए.
क्या है सेक्शन 226 (3)
सेक्शन 226 (3) के तहत आयकर अधिकारी को दी गई शक्तियां दी गई हैं. इसके तहत वह ऐसे किसी भी व्यक्ति या संस्था को आयकर से जुड़ा नोटिस जारी कर सकता है, जिसपर टैक्स का पैसा बकाया है या भविष्य में बकाया हो सकता है. आयकर अधिकारी की तरफ से जारी किया गया यह नोटिस टैक्स की बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश देता है. इस नोटिस में भुगतान करने की अंतिम तिथि भी तय होती है. जिस व्यक्ति या संस्था को नोटिस जारी किया जाता है, यदि वह नोटिस में दी गई तारीख के अनुसार आयकर का भुगतान नहीं करता तो आयकर अधिकारी को बकाया राशि की वसूली करने के लिए कार्रवाई का अधिकार है.
सेक्शन 226 (3) केवल उन मामलों में लागू होता है जहां टैक्सपेयर का इनकम टैक्स बकाया है. इसके तहत आयकर अधिकारी नोटिस जारी करने से पहले टैक्सपेयर को सुनवाई का मौका नहीं देना होगा. इसमें यह भी प्रावधान है कि नोटिस में दी गई तारीख तक भुगतान नहीं करने पर टैक्सपेयर को पेनाल्टी और ब्याज देना होगा. यदि टैक्सपेयर की तरफ से पहले ही बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है तो उपरोक्त सेक्शन लागू नहीं होता.