Israel Palestine Conflict: हमास ने इजरायल पर हमला किया तो क्या उसे ईरान का सपोर्ट था? इस सवाल से तेहरान के अफसरों ने कन्नी काटी या गोलमोल जवाब देते हुए हमले में ईरान की भूमिका से इनकार किया है. लेकिन अब सब कुछ शीशे की तरह साफ हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ईरान के सरकारी न्यूज चैनल में हमास (Hamas) नेता इस्माइल हानियेह की ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमनेई से मुलाकात की जानकारी दी गई है. ऐसे में इजरायल और अमेरिका को ईरान को घेरने का एक और मौका मिल गया है, जो हमास के हमले में ईरान की सीधी भूमिका बताते आए हैं.


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इंटरव्यू में खुलासा


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक हमास के प्रवक्ता ने शनिवार को ईरानी चैनल पर प्रसारित अपनी टिप्पणी में कहा कि फिलिस्तीनी समूह हमास के नेता इस्माइल हानियेह ने तेहरान में खमेनेई से मुलाकात की. ईरान समर्थित हमास के टॉप कमांडरों में से एक ओसामा हमदान ने बेरूत में मीडिया से बात करते हुए इस सीक्रेट मुलाकात के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी. हानियेह 2019 से कतर और तुर्की के बीच ठिकाना बदल-बदल कर रह रहा है.


 



गाजा के युद्ध में कूदेगा ईरान?


इजरायल और अमेरिका लगातार कह रहे हैं कि हमास ने ईरान के समर्थन से इतना बड़ा हमला किया. हालांकि, ईरान सिरे से ये दावा खारिज करता आया है. लेकिन जिस तरह खमनेई और ईरान के अन्य नेताओं की हमास के कमांडरों की मुलाकात और टेलीफोनिक बातचीत की खबरें आ रही हैं, उससे इजरायल के दावों को बल मिल रहा है. दूसरी ओर इजरायल के पलटवार से ईरान स्तब्ध है, वो कई बार गाजा पर हमले रोकने की चेतावनी दे रहा है. हालांकि ईरान के नेताओं ने फिलहाल जंग में सीधे कूदने से इनकार किया है. ईरान के नेता कह रहे हैं कि जबतक ईरान के लोगों की सुरक्षा और हितों पर बात नहीं आएगी, वो इस जंग में नहीं उतरेगा.


बढ़ जाएगा फारस की खाड़ी का तापमान


ईरान की भूमिका इजरायल पर हुए हमले में है या नहीं ये मामला यूएन में गूंज चुका है. इजरायल के एंबेसडर ने कहा ईरान हमास को हमलों के लिए फंड दे रहा है. दूसरी ओर अमेरिका ईरान को इजरायल के मामलों से दूर रहने को कह रहा है. अमेरिकी जनरलों का कहना है कि ईरान, इजरायल से दूर रहे, ताकि क्षेत्र में तनाव न बढ़े. दरअसल लेबनानी आतंकी संगठन हिजबुल्लाह और यमन में एक्टिव आतंकी संगठन हूती इजरायल पर रॉकेटों से लगातार हमले कर रहे हैं. फारस की खाड़ी का तापमान बढ़ रहा है. 


जियोपॉलिटिकल स्थिति और तेल का खेल


ऐसा इसलिए क्योंकि ईरान कोई हल्का फुल्का देश नहीं है. ईरान और रूस रणनीतिक सहयोगी हैं. वो काफी समय से एक-दूसरे को रक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं. सीरिया और इराक के संघर्षों में भी ईरान और रूस सैन्य सहयोगी रहे हैं. रूस ईरान को हथियारों की सप्लाई करता रहा है लेकिन यूक्रेन युद्ध के दौरान ईरान ने रूस को बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन की सप्लाई की है. इन हथियारों से पूरा यूरोप सहमा हुआ है. 


फारस की खाड़ी संवेदनशील इलाका है. इसके संकरे मुहाने, होर्मुज के महत्वपूर्ण जलडमरूमध्य में अमेरिका (US) और ब्रिटेन (UK) की गश्त और निगरानी रहती है, जिसके माध्यम से कच्चे तेल के एक्सपोर्ट का कंसाइनमेंट मूव होता है. आस-पास के क्षेत्र की और गहराई से पड़ताल करें तो यमन से दूर बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और मध्य पूर्व को भूमध्य सागर से जोड़ने वाला मिस्र का जलमार्ग स्वेज नहर तक फैले लाल सागर का इलाका भी संवेदनशील है.


फारस की खाड़ी के आसपास अमेरिकी युद्धपोत और नौसैनिक पनडुब्बियां तैनात रहती है. अमेरिका और ब्रिटेन ईरान पर उसके तेल के टैंकरों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हैं. ऐसे में अगर ईरान की इजरायल हमास युद्ध (israel Hamas War) में एंट्री होती है, तो मिडिल ईस्ट के हालात और बेकाबू हो सकते हैं.


हमास के हमले में ईरान की भूमिका पर सवाल


सात अक्टूबर को हमास की ओर से अचानक इजरायल पर हजारों रॉकेट और मिसाइल दागने और इसरायली इलाकों से लोगों को बंधक बनाकर ले जाने के बाद से ही इस जघन्य हमले में ईरान की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. इस हमले के बाद इसरायल ने गाजा पर हवाई हमले शुरू किए थे. फिर जमीन से हमला किया गया. इस दौरान दोनों तरफ के हजारों लोगों की जान जा चुकी है.


कौन हैं खमनेई, जिनके पास असीम ताकत?


ईरान में सबसे शक्तिशाली शख्सियत अयातुल्ला अली खमेनेई हैं, जो 1989 से देश के सर्वोच्च नेता हैं. वो देश के प्रमुख और कमांडर-इन-चीफ है. देश की पुलिस और मॉरल पुलिसिंग यूनिट पर भा उनका नियंत्रण है. खमेनेई इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के भी प्रमुख हैं, जो देश की आंतरिक सुरक्षा संभालती है.