Parliament Security Breach: संसद के शीतकालीन सत्र के नौवें दिन गुरुवार को सुरक्षा से जुड़े सवाल और विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. बीते दिन संसद की सुरक्षा में चूक (Parliament security breach) को लेकर संसदीय सचिवालय की सिक्योरिटी टीम पर गाज गिरी है. पीएम मोदी ने भी अपने चेंबर में एक अहम बैठक भी की है.  इस बेहद खतरनाक मामले की जांच के लिए भारी भरकम टीम बनाई गई है. इसके बावजूद मामले पर जमकर सियासत भी हो रही है. संसद में कूदने वाले एक आरोपी मनोरंजन डी के विजिटर एंट्री पास को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मैसूर से भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस नेताओं ने सिम्हा के आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया है. दूसरी ओर, संसद में कूदकर कलरफुल स्मोक फैलाने के मामले में गिरफ्तार मनोरंजन डी के पिता देवराज ने दावा किया कि उसको इंजीनियरिंग में दाखिला कराने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने मदद की थी. इसका मतलब है कि आरोपी का परिवार कर्नाटक में सियासी पहुंच रखने वाला है और उसके लिए संसद में घुसने के लिए एक सांसद से विजिटर एंट्री पास निकलवाना बहुत मुश्किल काम नहीं है. हालांकि, इस संगीन वारदात के बाद संसद की नई इमारत में सांसदों की एंट्री को लेकर भी बड़ा फैसला हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सांसदों से विजिटर पास जारी करने में भी सावधानी बरतने की बात कही है. 


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सुरक्षा में चूक के बाद आरोपियों के बैकग्राउंड की तलाशी में जुटी केंद्र और राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसी


साल 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना को लेकर संसद में रिसेप्शन एरिया और लाउंज एरिया समेत तमाम जगहों पर इस तरह का सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की तैयारी हो रही है, जिससे परिंदा भी पर नही मार सके. वहीं, सांसदों को नमकर द्वार से संसद में प्रवेश करने की व्यवस्था बनाई गई है. इस द्वार से कुछ मीटर की दूरी पर ही मीडिया तैनात रहती है. संसद की सुरक्षा में सेंध और स्मोक क्रैकर के इस्तेमाल को लेकर सचिवालय के 8 सुरक्षाकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि संसद की सचिवालय के काम में सरकार का दखल नहीं होता है. दूसरी ओर, इस मामले में मौके पर गिरफ्तार चारों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जा रहा है. वहीं, केंद्र और राज्य की इंटेलिजेंस टीम इनके घरों पर जांच के लिए पहुंची हैं. सभी आरोपियों के बैकग्राउंड की गहन पड़ताल की जा रही है.


गुरुग्राम से पांचवा आरोपी गिरफ्तार, छठे की तलाश में जुटी दिल्ली पुलिस


लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठे सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूदे, नारेबाजी की और केन से पीले रंग का धुआं फैला दिया.  कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ा और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया. उसी दौरान  संसद परिसर के बाहर दो और आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने केन से रंगीन धुआं छोड़ा. इन दोनों ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' की नारेबाजी की. दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों पर UAPA की धारा 16 और 18 तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 452 (ट्रेसपास), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 और 353 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि कुल 6 लोग इस संगीन वारदात में शामिल हैं. इनमें से सागर शर्मा और मनोरंजन डी को संसद के अंदर वहीं, नीलम आजाद और अमोल शिंदे को संसद के बाहर गिरफ्तार किया गया है. एक आरोपी विशाल को गुरुग्राम स्थित उसके घर से दबोचा गया है. पुलिस छठे आरोपी ललित झा की तलाश में जुटी है. फिलहाल नीमराना में उसके लोकेशन का पता चला है. सभी सोशल मीडिया ग्रुप्स के जरिए करीब आए थे.


छह अलग शहरों के हैं सभी आरोपी, संसद में संगीन वारदात के मास्टरमाइंड की तलाश


मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कहा कि छह लोगों ने मिलकर इस संगीन वारदात की साजिश रची थी. संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले सभी आरोपी देश के अलग-अलग शहरों से हैं. सब डेढ़ साल पहले मैसूर और उसके बाद 10 दिसंबर को गुरुग्राम में मिले थे. संसद में घुसने से पहले सबने इंडिया गेट पर आपस में कलर्ड स्मोक क्रैकर का बंटवारा किया. इन सबने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत में यह साजिश रची है. पुलिस को शक है कि इन छह लोगों के अलावा कोई और है जो पूरी वारदात का मास्टरमाइंड है.  पुलिस को उसकी तलाश है. इसके लिए आरोपियों के सोशल मीडिया एक्टिविटी और ब्राउंजिंग हिस्ट्री पर फोकस किया जा रहा है. सभी सोशल मीडिया पर ‘भगत सिंह फैन क्लब’ नाम के एक पेज से जुड़े हैं. चारों आरोपियों के एजुकेशनल, सोशल, पॉलिटिकल और ट्रैवल बैकग्राउंड भी चेक कर रही है. इसके जरिए मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी.


बुधवार की वारदात के बाद संसद की सुरक्षा इंतजाम में बढ़ी सख्ती, सिक्योरिटी स्टाफ की चुनौतियां क्या


इससे अलग, संसद की नई इमारत की सुरक्षा को लेकर दूसरी व्यवहारिक कमियों की ओर भी ध्यान दिलाया गया है. लोकसभा सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली पुलिस और CRPF दोनों ही संसद की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं. नई संसद के उद्घाटन के बाद से ही कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं. क्योंकि नई संसद में यह दूसरा सत्र ही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लगातार बदले जाते नियमों और पर्याप्त कर्मचारियों की कमी की वजह से संसद के सिक्योरिटी स्टाफ पर ज्यादा दबाव है. शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कई सासंदों को कैंटीन, रेस्ट रूम और लाइब्रेरी खोजते देखा गया तो कई बार केंद्रीय मंत्रियों को अपना रूम खोजने में जुटना पड़ता है. कई मौके पर सुरक्षाकर्मी सांसदों को ही नहीं पहचान पाते और अजीब हालात का सामना करना पड़ता है. बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद बरती गई सख्ती के कारण गुरुवार को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को मकर द्वार से एंट्री नहीं करने दी गई और उन्हें कार से उतरकर ‘शार्दुल द्वार’ तक पैदल जाना पड़ा. संसद और सांसदों से जुड़े स्टाफ के अलावा मीडियाकर्मियों के पास को भी अधिक बारीकी से चेक किया जाने लगा है.