How Jailed MPs Take Oath: लोकसभा चुनाव खत्म होने और पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के बाद आज (24 जून) से 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत होने जा रही है और लोकसभा का ये सत्र 3 जुलाई तक चलेगा. सत्र के 10 दिन में कुल 8 बैठकें होंगी. इस सत्र की शुरुआत नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ से होगी, जो दो दिन तक चलेगी. सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि राष्ट्रपति भवन जाकर शपथ लेंगे. इसके बाद वे सुबह 11 बजे लोकसभा पहुंचेंगे. संसद सत्र के शुरुआत में बतौर सांसद पहले PM मोदी का शपथग्रहण होगा. इसके बाद लोकसभा में अन्य सांसदों को पद एवं गोपनीयता की शपथ भी दिलाई जाएगी. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जेल में बंद सांसदों को कैसे शपथ दिलाई जाएगी और इसको लेकर क्या नियम है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बार चुने गए ऐसे 2 सांसद, जो जेल में हैं बंद


4 जून को घोषित लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में इस बार दो ऐसे सांसद चुने गए हैं, जो जेल में बंद हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान सर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज की, जबकि आतंकवाद के टेरर फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद शेख अब्दुल राशिद उर्फ ​​इंजीनियर राशिद (Shaikh Abdul Rashid) ने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से जीत हासिल की है.


इनका होगा शपथ या रद्द हो जाएगी सदस्यता?


भले हीं अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) और शेख अब्दुल राशिद (Shaikh Abdul Rashid) जेल में बंद हैं, लेकिन उनकी संसद की सदस्यता रद्द नहीं होगी, क्योंकि अब तक उन्हें सजा नहीं हुई है. कानून के अनुसार, दोनों संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन उन्हें सांसद के रूप में शपथ लेने का संवैधानिक अधिकार है. तो चलिए आपको बताते हैं कि इसको लेकर क्या नियम हैं और कैसे दोनों को शपथ दिलाई जाएगी.


जेल में बंद सांसदों के शपथ को लेकर क्या है नियम?


जेल में बंद सांसदों को शपथ लेने को लेकर संविधान में नियम है. जेल में बंद सांसदों को शपथ दिलाने के लिए पैरोल दी जाती है. इसके लिए संसद सचिवालय की ओर से जेल प्रशासन को सूचना दी जाती है और बताया जाता है कि आपकी जेल में एक सांसद बंद है, जिसे संसद में शपथ लेना है. उसे संसद आकर शपथ लेने की अनुमति दी जाए. इसके बाद जेल में सांसद को संसद आने की अनुमति दी जाती है और शपथ लेकर वो वापस जेल चले जाते हैं. इसके साथ ही सांसद को लोकसभा स्पीकर को लिखित जानकारी देनी होती है कि वे संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.


अगर सांसद शपथ नहीं लेते हैं तो क्या होगा?


अगर कोई सांसद, संसद में उपस्थित होकर शपथ नहीं लेता है और लगातार 60 दिनों तक उपस्थित नहीं होता है तो उसकी सीट रिक्त घोषित की जा सकती है. संविधान में अनुच्छेद 101(4) का जिक्र है, जो लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना सदन से सांसदों की अनुपस्थिति से संबंधित है.