Explainer: अंतरिक्ष में फंसीं सुनीता विलियम्स, NASA के पास हैं 2 विकल्प; कैसे वापस आएंगी?
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Explainer: अंतरिक्ष में फंसीं सुनीता विलियम्स, NASA के पास हैं 2 विकल्प; कैसे वापस आएंगी?

Nasa: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को यह तय करने के लिए एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लेना है. अपने स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को वापस घर कैसे लाया जाए, उनके सामने फिलहाल दो विकल्प दिख रहे हैं.

Explainer: अंतरिक्ष में फंसीं सुनीता विलियम्स, NASA के पास हैं 2 विकल्प; कैसे वापस आएंगी?

Sunita Williams: अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर और सुनीता विलियम्स अभी भी अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. नासा और बोइंग दोनों स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट यानि कि अंतरिक्ष यान की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के पास है. असल में स्टारलाइनर एक अंतरिक्ष कैप्सूल है जिसे बोइंग कंपनी ने नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत बनाया है. इस कार्यक्रम के तहत निजी कंपनियां आईएसएस तक अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की सेवाएं देती हैं. स्पेसएक्स भी ऐसी ही सेवाएं देने वाली एक दूसरी कंपनी है.

नजर नासा के अगले मूव पर

फिलहाल बड़ा सवाल है कि ये दोनों अंतरिक्ष यात्री वापस कैसे आएंगे. दुनियाभर के साइंस एक्सपर्ट्स की नजर नासा के अगले मूव पर है कि वह इन्हें वापस कैसे लाएगा.विलमोर इस यान के कमांडर थे और विलियम्स पायलट थीं. यह बोइंग कंपनी द्वारा बनाया गया यह यान पहली बार किसी इंसान को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन तक गया था. इस यान ने उड़ान से पहले की साड़ी तकनीकी समस्याओं को पार कर लिया था और 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ गया था. लेकिन इसके थ्रस्टर में हीलियम गैस की लीक और सिस्टम में दिक्कतें आने की वजह से स्टारलाइनर तब से वहीं है. 

नासा के पास दो विकल्प हैं

नासा और बोइंग की टीमें अभी भी इन अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित तरीके से वापस धरती लाने की कोशिश कर रही हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में साइंस एक्सपर्ट मैथ्यू वार्ड के हवाले से बताया गया है कि अभी नासा के पास दो विकल्प हैं. पहला यान की समस्याओं को ठीक करके इन यात्रियों को वापस  लाया जाए या फिर यात्रियों को बिना यान में रखे स्टारलाइनर को वापस लाना.

समय पहले से भी ज्यादा बढ़ ही गया

ऐसे में दूसरे विकल्प में विल्मोर और विलियम्स को स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन के साथ फरवरी 2025 में वापस आना होगा. इससे उनका वहां रहना पहले निर्धारित आठ दिनों से बढ़कर लगभग आठ महीने हो जाएगा. वैसे तो विल्मोर और विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्री अपने दूसरे घर कहे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के लिए बहुत प्रशिक्षित और अनुभवी हैं. लेकिन लंबे समय तक वहां रहना स्वास्थ्य संबंधी जोखिम के साथ रहना भी है. और इनका समय पहले से भी ज्यादा बढ़ ही गया है.  

अगर वे फरवरी में वापस आएंगे, तो उन्हें शुरूआत में सोचे गए समय के मुकाबले आठ महीने ज्यादा रेडिएशन का सामना करना पड़ेगा. हालांकि तब भी यह दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों की तुलना में काफी कम खुराक है. उदाहरण के लिए, रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेन्को ने अंतरिक्ष में 1000 से ज्यादा दिन बिताए, और अभी भी वे वहीं हैं. उनका मौजूदा प्रवास मार्च से शुरू हुआ था.

समय कैसे बिता रहे हैं?

जब तक स्टारलाइनर वहां है, फिलहाल विल्मोर और विलियम्स व्यस्त रहते हैं. उन्होंने खुद को दूसरे आईएसएस क्रू सदस्यों के साथ काम के रोटेशन में भी शामिल कर लिया है, इसमें स्पेसएक्स क्रू-8 के चार सदस्य और सोयुज एमएस-25 मिशन के तीन सदस्य शामिल हैं. वे वहां के किसी भी अन्य क्रू जितने ही व्यस्त हैं

दोनों विकल्पों पर नासा प्लान बना रहा

इधर नासा इस पूरे मामले को गहनता से मॉनिटर कर रही है. इन दोनों विकल्पों पर नासा प्लान बना रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी ऐसा लग रहा है कि नासा अगस्त के अंत तक यह निर्णय ले लेगा कि विल्मोर और विलियम्स कैसे वापस आएंगे. अगर अंतिम फैसला स्टारलाइनर क्रू को स्पेसएक्स कैप्सूल पर वापस लाने के पक्ष में होता है, तो विल्मोर और विलियम्स को वापसी के लिए उपयुक्त सूट दिए जाएंगे. वहीं स्टारलाइनर की मरम्मत के काम के कारण स्पेस स्टेशन के लिए अगली स्पेसएक्स उड़ान कम से कम 24 सितंबर तक शुरू नहीं होगी.

ठीक ठाक समय लग सकता है

वहीं एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बोइंग के सिमुलेशन परीक्षणों की रिपोर्ट अभी ओके आई है. लेकिन जब तक स्पेसक्राफ्ट का कंट्रोल सिस्टम, थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम और बाकी दूसरी प्रणालियां सही ढंग से काम करती हुई नहीं मिलेंगी, तब तक दोनों एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित तरीके से धरती पर उतारना संभव नहीं होगा. इसीलिए अभी इसमें ठीक ठाक समय लग सकता है. 

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