TCS Share Buyback: कई बार कंपनियां अपने ही शेयर्स खरीदती हैं... ऐसा हमने बाजार में कई बार देखा है कि कंपनियां आम जनता से शेयर्स खरीद लेती हैं. अब एक बाद फिर देश की सबसे दिग्गज आईटी कंपनी अपने ही शेयर्स खरीदने जा रही है. टीसीएस ने शेयर्स बायबैक का ऐलान कर दिया है. अगर आपके पोर्टफोलियो में भी टीसीएस के शेयर्स हैं तो आप भी अपने शेयरों को कंपनी को अच्छे दाम पर बेच सकते हैं. 


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टीसीएस इस बार 17,000 करोड़ रुपये के शेयर्स का बायबैक करेगी. इस बायबैक के लिए कंपनी ने 25 नवंबर की रिकॉर्ड तारीख तय की है. कंपनी ने इस बारे में शेयर मार्केट में जानकारी दी है. कंपनी ओपन मार्केट में अपने ही शेयर्स खरीदेगी. साल 2017 से अब तक कंपनी का यह पांचवां बायबैक होगा. इसके अलावा यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा बायबैक है. 


क्या होता है शेयर बायबैक?


कई बार कंपनियां अपने ही शेयर्स खरीदती हैं. शेयर इश्यू करने वाली कंपनी अपने ही शेयर्स को वापस खरीदती है. इसको ही शेयर बायबैक करना कहा जाता है. कंपनियां खुले बाजार में शेयर वापस खरीदती हैं. कई बार कंपनियां बड़े शेयरधारकों से सीधे तौर पर बायबैक करती हैं. 


बढ़त के साथ बंद हुए TCS के शेयर्स


टीसीएस के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. आज टीसीएस का स्टॉक 2.72 फीसदी यानी 92.70 रुपये की बढ़त के साथ बंद हुआ है. आज टीसीएस के शेयर्स 3,497.00 रुपये के लेवल पर है. पिछले 5 दिनों में कंपनी के शेयरों में 3.39 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है.


क्यों किया जाता है शेयरों का बायबैक?


बता दें कंपनियां कई अलग-अलग कारणों से शेयर्स का बायबैक करती हैं.  शेयरों पर अर्निंग या रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) को सुधारने के लिए ऐसा किया जाता है. टीसीएस की तरफ से इससे पहले 4 बार शेयरों का बायबैक किया जा चुका है. इस बार कंपनी पांचवी बार शेयर्स का बायबैक करेगी. 


4 बार पहले भी बायबैक कर चुकी है कंपनी


इससे पहले जनवरी 2022 में टीसीएस ने 4500 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 18,000 करोड़ रुपये के शेयर्स बायबैक किए थे. इसके अलावा दिसंबर 2020 में कंपनी ने 3000 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 16,000 करोड़ रुपये के शेयर्स बायबैक किए थे. वहीं, साल 2017 और 2018 में कंपनी ने 16,000 करोड़ रुपये के शेयर्स बायबैक किए थे. 


निवेशकों को क्या होता है फायदा?


अगर निवेशकों के फायदे की बात की जाए तो, जिन भी निवेशकों ने टीसीएस के शेयर्स खरीद रखे हैं तो उनको क्या फायदा होगा. कंपनी की तरफ से जब बायबैक किया जाएगा तो कंपनी अपने शेयर्स को खरीदने के लिए शेयरहोल्डर को ज्यादा पैसे देती है, जिसकी वजह से शेयरधारकों की वैल्यू के साथ-साथ शेयर की वैल्यू भी बढ़ जाती है. शेयर की वैल्यू बढ़ जाने की वजह से शेयरहोल्डर अपने स्टॉक को कंपनी को ज्यादा पैसों पर बेचते हैं.