Indian Rupee in Dollar: एक द‍िन पहले चालू व‍ित्‍त वर्ष की दूसरी त‍िमाही (जुलाई-सितंबर) का जीडीपी आंकड़ा जारी हुआ है. मैन्‍युफैक्‍चर‍िंग और सर्व‍िस सेक्‍टर के प्रदर्शन की बदौलत जीडीपी 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई. एक साल पहले की समान अवध‍ि में यह आंकड़ा 6.2 परसेंट पर था. दूसरी तरफ इसी दौरान चीन की जीडीपी 4.9 फीसदी रही. भारत दुनिया की प्रमुख इकोनॉमी में सबसे तेजी से इकोनॉम‍िक ग्रोथ हासिल करने वाला देश बना हुआ है.


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भारतीय रुपये में ग‍िरावट से च‍िंता


जीडीपी पर खुशी जाह‍िर करते हुए पीएम मोदी ने कहा क‍ि कठिन समय के बीच यह आंकड़े इंड‍ियन इकोनॉमी की मजबूती को दर्शाते हैं. जीडीपी की रफ्तार भले ही सुकून देनी वाली हो. लेक‍िन डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में ग‍िरावट सरकार के माथे पर जरूर स‍िलवट ला रही है. हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन शुक्रवार को रुपया अमेर‍िकी डॉलर के मुकाबले 83.30 के पर बंद हुआ. 10 नवंबर को रुपये डॉलर के मुकाबले ग‍िरकर 83.42 रुपये पर पहुंच गया था. आइए जानते हैं रुपये के ग‍िरावट के क्‍या हैं प्रमुख कारण?


दुन‍ियाभर में बढ़ती महंगाई
ग्‍लोबल लेवल पर बढ़ती महंगाई के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में अमेरिकी डॉलर का रुख कर रहे हैं. इससे डॉलर की मांग बढ़ रही है और रुपये की मांग घट रही है. इसका असर यह हो रहा है डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है. अमेर‍िका में प‍िछले द‍िनों महंगाई दर बढ़कर र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई थी. हालांक‍ि बाद में इसमें ग‍िरावट आई है.


क्रूड के दाम में तेजी
पेट्रोलियम निर्यातक देशों की तरफ से क्रूड का उत्पादन कम करने के फैसले के बाद इसकी कीमत में तेजी देखी गई. क्रूड का रेट बढ़ने से भारत को विदेशी मुद्रा ज्‍यादा खर्च करनी पड़ी. डॉलर की ज्‍यादा खपत से भी डॉलर के मुकाबले रुपया नीचे आया. इस समय ब्रेंट क्रूड का रेट 80 डॉलर प्रत‍ि बैरल के पार चल रहा है.


विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. लेक‍िन उसके बाद से इसमें ग‍िरावट देखी जा रही है. इससे आरबीआई रुपये की कीमत को स्थिर नहीं रख पा रहा और रुपये के मूल्य में गिरावट आ रही है. आरबीआई के अनुसार 24 नवंबर को खत्‍म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 597.93 अरब डॉलर पर पहुंच गया.


देश का बढ़ता व्यापार घाटा
भारत में आयात बढ़ रहा है लेक‍िन निर्यात उस रफ्तार से नहीं बढ़ पा रहा है. इससे देश का व्यापार घाटा बढ़ रहा है. इसका असर यह हो रहा है क‍ि रुपये की मांग घट रही है और इसमें गिरावट आ रही है. अक्‍टूबर 2023 के आंकड़े के अनुसार भारत का न‍िर्यात 6.21 परसेंट बढ़कर 33.57 अरब अमेर‍िकी डॉलर रहा. दूसरी तरफ इसी अवध‍ि में आयात बढ़कर 65.03 अरब अमेर‍िकी डॉलर पर पहुंच गया. अक्‍टूबर में ही देश का व्‍यापार घाटा 18 प्रत‍िशत बढ़कर 31.46 अरब डॉलर रहा.


फेड रिजर्व की र‍िकॉर्ड ब्याज दर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से महंगाई पर लगाम लगाने के लि‍ए प‍िछले द‍िनों ब्याज दर में इजाफा क‍िया गया था. इससे अमेरिकी डॉलर की प्रतिफल दरें बढ़ रही हैं, जिससे अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर ज्‍यादा आकर्षक हो रहा है. इससे भी रुपये के मूल्य में गिरावट आ रही है. हालांक‍ि प‍िछले द‍िनों फेड र‍िजर्व ने लगातार दूसरी बार ब्‍याज दर को पुरानी दर पर ही बरकरार रखा.


शेयर बाजार में ब‍िकवाली
शेयर बाजार में व‍िदेशी संस्थागत न‍िवेशकों (FII) की ब‍िकवाली भी रुपये की कमजोरी का कारण बनती है. प‍िछले दो कारोबारी सत्र में शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है. लेक‍िन इससे पहले बाजार में ब‍िकवाली हावी रही और ग‍िरावट आई. तीन महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो एफआईआई कैश मार्केट में नेट सेलर्स बने हुए हैं. इसका असर यह हो रहा है क‍ि निफ्टी 50 और संसेक्स एक न‍िश्‍च‍ित दायरे से बाहर नहीं न‍िकल पाए. अक्टूबर के महीने में 29000 करोड़ से ज्‍यादा की नेट बिकवाली हुई.