Explainer: भारत पहले, चीन तीसरे...GDP के बाद रेमिटेंस में 'ड्रैगन' को पटखनी, क्‍यों बना र‍िकॉर्ड
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Explainer: भारत पहले, चीन तीसरे...GDP के बाद रेमिटेंस में 'ड्रैगन' को पटखनी, क्‍यों बना र‍िकॉर्ड

India GDP: रेमिटेंस के मामले में भारत एक बार फ‍िर से टॉप पर बना हुआ है. वर्ल्ड बैंक की तरफ से जारी क‍िये गए आंकड़ों के अनुसार विदेशों में रहने वाले तीन करोड़ से ज्‍यादा भारतीयों ने इस साल 125 अरब डॉलर भारत भेजे.

Explainer: भारत पहले, चीन तीसरे...GDP के बाद रेमिटेंस में 'ड्रैगन' को पटखनी, क्‍यों बना र‍िकॉर्ड

Remittance Chart: कुछ ही द‍िन बीते हैं भारत की जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा देखकर चीन हैरान रह गया. चीन की अर्थव्‍यव्‍था डूब रही है. ड्रैगन की रियल एस्टेट कंपनियां डूब रही हैं. चीन का निर्यात घट रहा है. इस कारण व‍िदेशी कंपनियां चीन से न‍िकलकर भारत का रुख कर रही हैं. चालू व‍ित्‍त वर्ष की दूसरी त‍िमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान जीडीपी बढ़कर 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई. दूसरी तरफ इसी दौरान चीन 4.9 परसेंट पर झूल रहा है. रेमिटेंस के मामले में भी भारत पहले पायदान पर काब‍िज है. चीन की इकोनॉमी तेजी से प‍िट रही है और भारत लगातार र‍िकॉर्ड पर र‍िकॉर्ड बना रहा है.

भारतीय भी जी-जान से जुटे हुए

भारतीय अर्थव्‍यस्‍था को तेजी से आगे बढ़ाने में विदेशों में रहने वाले भारतीय भी जी-जान से जुटे हुए हैं. रेमिटेंस के मामले में भारत एक बार फ‍िर से टॉप पर बना हुआ है. वर्ल्ड बैंक की तरफ से जारी क‍िये गए आंकड़ों के अनुसार विदेशों में रहने वाले तीन करोड़ से ज्‍यादा भारतीयों ने इस साल 125 अरब डॉलर भारत भेजे. इस मामले भारत दूसरे नंबर के मेक्सिको से काफी आगे है. मेक्‍स‍िको 67 अरब डॉलर के साथ दूसरे और 50 अरब डॉलर के साथ चीन तीसरे पायदान पर है.

हर साल 25 लाख भारतीय जाते हैं दूसरे मुल्‍क
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी र‍िपोर्ट के अनुसार हर साल करीब 25 लाख भारतीय दूसरे मुल्‍क जाते हैं. अमेर‍िका, यूएई और सऊदी अरब इनका पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है. वर्ल्ड बैंक के अनुसार लो और मिडिल इनकम वाले देशों के लिए साल 2023 में रेमिटेंस में करीब 3.8 प्रत‍िशत की तेजी आई और यह 669 अरब डॉलर पहुंच गया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया क‍ि अगले साल यानी 2024 में इंफलेशन और ग्रोथ में गिरावट से प्रवासियों की आमदनी में गिरावट की आशंका है.

क्‍या हैं रेमिटेंस?
रेमिटेंस (Remittance) से तात्‍पर्य उस पैसे से है, जो किसी दूसरे देश में रहकर क‍िसी व्यक्ति द्वारा अपने देश में भेजा जाता है. यानी एक प्रवासी अपने मूल देश को बैंक, पोस्ट ऑफिस या ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्‍यम से पैसा भेजता है तो उसे रेमिटेंस कहते हैं. यह एक अहम आर्थिक गतिविधि है. विकासशील देशों की इकोनॉमी के ल‍िए यह फॉरेन करेंसी का अहम स्रोत होता है. रेमिटेंस की अपनी कुछ चुनौतियां होती हैं. रेमिटेंस भेजने की लागत अक्सर ज्‍यादा होती है. इसके अलावा, रेमिटेंस की सेफ्टी चिंता का विषय है. कई बार प्रवासी अपने परिवार को पैसा भेजने के लिए गलत तरीकों का भी चयन कर लेते हैं. ऐसे में कई बार वे धोखाधड़ी का श‍िकार हो जाते हैं.

क्‍यों बढ़ रहा भारत का रेमिटेंस
भारत का रेमिटेंस पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ रहा है. 2023 में देश में आने वाला रेमिटेंस 125 अरब डॉलर के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. भारत में रेमिटेंस बढ़ने का कारण विदेशों में जाने वाले श्रमिकों की संख्या लगातार बढ़ना है. 2023 में भारत से विदेशों में जाने वाले श्रमिकों की संख्या 10 मिलियन से ज्‍यादा थी. इस कारण विदेशों से भारत आने वाला रेमिटेंस बढ़ रहा है. दूसरा कारण यह क‍ि विदेशों में रहने वाले भारतीयों की आमदनी लगातार बढ़ रही है. इस कारण भी रेमिटेंस बढ़ा है. रेमिटेंस बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है.

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