Milk for diabetes patient: दुनियाभर के अधिकतर लोग इस वक्त दो सबसे आम स्वास्थ्य समस्याएं (कैंसर और डायबिटीज)  से जूझ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, स्वस्थ जीवन जीने का सबसे सरल तरीका रूटीन का पालन करना और हेल्दी डाइट लेना है. हालांकि, मिलावटी खाने की दुनिया के बीच, कभी-कभी हेल्दी डाइट लेना अकल्पनीय लगता है. हाल के अध्ययनों के अनुसार, यह पाया गया है कि कच्चा ऊंटनी का दूध (camel milk) गाय के दूध की तुलना में डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर होता है. यह देखा गया है कि ऊंटनी का दूध एंटीऑक्सीडेंट, इम्युनोग्लोबुलिन और लैक्टोफेरिन से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है और अन्य बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा कवच के रूप में भी काम करता है.


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अगर हम ऊंट और गाय के दूध के पोषण मूल्य पर नजर डालें तो वे प्रोटीन, कैल्शियम, फैट और आयरन के मामले में काफी समान हैं. लेकिन, कुछ विचारधाराएं हैं जो बताती हैं कि गाय के दूध की तुलना में कच्चा ऊंटनी का दूध अधिक फायदेमंद होता है. अध्ययनों के अनुसार, ऊंटनी के दूध में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा होता है. इसके अलावा, इसमें लैक्टोज की मात्रा भी कम होती है, जिससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता. इसलिए, यह टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों के लिए ऊंट का दूध फायदेमंद होता है.


क्यों पीना चाहिए ऊंट का कच्चा दूध?
विशेषज्ञों के अनुसार, इसे कच्चा ही पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि उबालने से इस दूध के गुण कम हो सकते हैं और इस दूध का पाश्चुरीकरण संभव नहीं है. इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि रोजाना दो गिलास (500 मिली) ऊंट के कच्चे दूध का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल में सुधार करने में मदद मिलती है. अध्ययनों से पता चला है कि कच्चा ऊंट का दूध फायदेमंद और सुरक्षित भी है, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि इसका सेवन करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन के और अन्य खनिज होते हैं जो शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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