भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें से एक गिलोय का काढ़ा भी है...
Trending Photos
नई दिल्ली: जिन लोगों के शरीर की इम्युनिटी कम है, उन पर कोरोना वायरस जल्दी अटैक करता है. हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि इस महामारी से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं गिलोय का काढ़े से होने वाले फायदे और उसको बनाने का तरीका.
दरअसल, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें से एक है गिलोय का काढ़ा. वैसे तो हर कोई अपने अपने तरीके से गिलोय का काढ़ा बनाता है, लेकिन इसे बनाने का सही तरीका बहुत कम लोगों को पता है.
गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
बनाने का आसान तरीका
क्यों खास है गिलोय
आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है. यह काफी सस्ती आयुर्वेदिक औषधि है. गिलोय को गुडूची या अमृता के नाम से भी जाना जाता है. गिलोग का रस, और काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया, बुखार जैसी गंभीर बीमारियों में दिया जाता है. इसके अलावा बदलते मौसम में गिलोय कई तरह के वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है। देश के मशहूर आयुर्वेदिक विशेषज्ञ व कई किताबों के लेखक डॉ. अबरार मुल्तानी ने बताया कि आचार्य शारंगधर द्वारा शमन की व्याख्या इस प्रकार है-
न शोधयती यददोषन स्मान्नो दीरयतयपि।
समीकरोती विषमा शमनं तघथाsमृता।।
जो द्रव्य सम दोषों का शोधन नही करता और न कुपित करता है, किंतु बढ़े हुए अथवा घटे हुए दोषों को सम कर देता है, उसे शमन द्रव्य कहते हैं जैसे-गुडूची। आयुर्वेद के अनुसार गुडूची दीपक, पाचक एंव त्रिदोषशामक होता है।
कितनी मात्रा में पीएं काढ़ा
गिलोय का काढ़ा आपको प्रतिदिन एक कप से ज्यादा नहीं पीना चाहिए. एक कप से ज्यादा मात्रा में काढ़ा पीने से आपको नुकसान भी हो सकते हैं. अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे पीना चाहिए.
गिलोय का काढ़ा पीने के 5 फायदे?
ये भी पढ़ें; HEALTH NEWS: घर से बाहर जाते वक्त क्यों खिलाई जाती है दही चीनी? जान लेंगे तो आप भी रोज खाएंगे
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. अगर आप किसी भी तरह की बीमारी से पीड़ित या परेशान हैं तो इस पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें..
WATCH LIVE TV