immunity booster: घर बैठे तैयार करें गिलोय का काढ़ा, जानिए कितनी मात्रा में सेवन करें और 5 चमत्कारिक फायदे
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immunity booster: घर बैठे तैयार करें गिलोय का काढ़ा, जानिए कितनी मात्रा में सेवन करें और 5 चमत्कारिक फायदे

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें से एक गिलोय का काढ़ा भी है...

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नई दिल्ली: जिन लोगों के शरीर की इम्युनिटी कम है, उन पर कोरोना वायरस जल्दी अटैक करता है. हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि इस महामारी से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं गिलोय का काढ़े से होने वाले फायदे और उसको बनाने का तरीका. 

दरअसल, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें से एक है गिलोय का काढ़ा. वैसे तो हर कोई अपने अपने तरीके से गिलोय का काढ़ा बनाता है, लेकिन इसे बनाने का सही तरीका बहुत कम लोगों को पता है. 

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सामग्री 

  • गिलोय के एक-एक इंच के 5 टुकड़े
  • दो कप पानी
  • एक चम्मच हल्दी
  • 2 इंच अदरक का टुकड़ा
  • 6-7 तुलसी के पत्ते
  • स्वादानुसार गुड़

बनाने का आसान तरीका

  1. एक पैन में 2 कप पानी को मीडियम आंच पर उबलने के लिए रख दें.
  2. अब बाकी सभी सामग्री को डालें और गिलोय भी डाल दें. 
  3. फिर धीमी आंच पर इसे पकने दें.
  4. जब पानी आधा रह जाए और सभी चीजें अच्छे से पक जाएं तो गैस बंद कर दें.
  5. किसी कपड़े या छन्नी से इसे छानकर कप में डालें और चाय की तरह पीएं.

क्यों खास है गिलोय
आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है. यह काफी सस्ती आयुर्वेदिक औषधि है. गिलोय को गुडूची या अमृता के नाम से भी जाना जाता है. गिलोग का रस, और काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया, बुखार जैसी गंभीर बीमारियों में दिया जाता है. इसके अलावा बदलते मौसम में गिलोय कई तरह के वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है। देश के मशहूर आयुर्वेदिक विशेषज्ञ व कई किताबों के लेखक डॉ. अबरार मुल्तानी ने बताया कि आचार्य शारंगधर द्वारा शमन की व्याख्या इस प्रकार है- 

न शोधयती यददोषन स्मान्नो दीरयतयपि।
समीकरोती विषमा शमनं तघथाsमृता।।

जो द्रव्य सम दोषों का शोधन नही करता और न कुपित करता है, किंतु बढ़े हुए अथवा घटे हुए दोषों को सम कर देता है, उसे शमन द्रव्य कहते हैं जैसे-गुडूची। आयुर्वेद के अनुसार गुडूची दीपक, पाचक एंव त्रिदोषशामक होता है।

कितनी मात्रा में पीएं काढ़ा
गिलोय का काढ़ा आपको प्रतिदिन एक कप से ज्यादा नहीं पीना चाहिए. एक कप से ज्यादा मात्रा में काढ़ा पीने से आपको नुकसान भी हो सकते हैं. अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे पीना चाहिए. 

गिलोय का काढ़ा पीने के 5 फायदे?

  1. रोजाना गिलोय का काढ़ा पीने से शरीर कई तरह के संक्रमण और संक्रामक तत्वों से बच सकता है.
  2. गिलोय का काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसमें मौजूद अदरक और हल्दी मिलकर इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं.
  3. ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए भी फायदेमंद है गिलोय. आयुर्वेद में डायबिटीज के मरीजों को गिलोय खाने की सलाह दी जाती है.
  4. डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने पर भी गिलोय का सेवन किया जाता है जिससे काफी तेजी प्लेटलेट्स बढ़ती हैं.
  5. गठिया रोग में भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है.

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डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. अगर आप किसी भी तरह की बीमारी से पीड़ित या परेशान हैं तो इस पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें..

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