कभी-कभी हमारा शरीर किसी गंभीर बीमारी के आने का संकेत हमें देता है, लेकिन हम उन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. 39 साल की एक महिला की कहानी इस बात का एक बड़ा सबूत है. उसकी जिंदगी तब पूरी तरह बदल गई जब उसे पता चला कि उसकी हैवी पीरियड्स की समस्या असल में चौथे स्टेज के सर्वाइकल कैंसर का संकेत थी. क्या आप जानना चाहते हैं कि कैसे एक आम सी लगने वाली समस्या इतनी गंभीर बीमारी में बदल सकती है?


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महिला का नाम एम्मा मैकक्विटी है और वे आयरलैंड के नॉर्थ बेलफास्ट की रहने वाली हैं. उन्हें लगातार ब्लीडिंग और दर्द हो रहा था जिससे वे चल भी नहीं पा रही थीं. फरवरी में उन्होंने A&E में जाकर अपनी परेशानी बताई. लेकिन 15 घंटे तक अस्पताल में रहने के बाद भी उन्हें सिर्फ दर्द निवारक दवाएं देकर घर भेज दिया गया. अगले छह महीनों में उन्होंने कई बार अस्पताल का दौरा किया, लेकिन हर बार उन्हें वही जवाब मिला.


जुलाई में कैंसर का पता चला
जुलाई में जब महिला की हालत और बिगड़ गई तो उनके परिवार ने उन्हें अलस्टर अस्पताल ले जाने की सलाह दी. यहां जांच कराने के बाद पता चला कि उन्हें चौथे स्टेज का कैंसर है और उनकी गर्भाशय में एक बड़ा ट्यूमर बन गया है जो उनके मूत्राशय तक फैल गया है. कुछ हफ्तों बाद एमआरआई से पता चला कि कैंसर उनके लिम्फ नोड्स में भी फैल गया है.


इलाज के दौरान भी हुई लापरवाही
जब महिला का इलाज शुरू हुआ तो उन्हें किडनी फेल्योर और जानलेवा सेप्सिस हो गया. महिला का कहना है कि अगर डॉक्टरों ने पहले उनकी बात सुनी होती तो शायद उन्हें इतनी गंभीर स्थिति में नहीं होना पड़ता. उन्हें अलस्टर अस्पताल में अब बहुत अच्छी देखभाल मिल रही है लेकिन उनकी हालत बहुत गंभीर है.


गर्भाशय कैंसर के बारे में जानें
गर्भाशय कैंसर ब्रिटेन में हर साल लगभग 3 हजार महिलाओं को अपना शिकार करता है. यह कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से की परत को प्रभावित करता है. गर्भाशय कैंसर के कुछ लक्षणों में असामान्य ब्लीडिंग, यौन संबंध के दौरान दर्द, पेल्विस में दर्द और योनि से बदबूदार डिस्चार्ज शामिल हैं. गर्भाशय कैंसर के कारणों में एचपीवी संक्रमण, धूम्रपान, गर्भनिरोधक गोलियां, गर्भधारण और परिवार में कैंसर का इतिहास शामिल हो सकता है. गर्भाशय कैंसर का चौथा स्टेज सबसे गंभीर होता है और इसमें कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है. इस स्टेज का इलाज करना मुश्किल होता है और इसमें आमतौर पर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है.


गर्भाशय कैंसर से बचाव
गर्भाशय कैंसर से बचाव के लिए नियमित रूप से गर्भाशय कैंसर की जांच कराना बहुत जरूरी है. यह जांच सभी महिलाओं को 25 से 64 साल की उम्र के बीच करानी चाहिए. एचपीवी वैक्सीन भी गर्भाशय कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है.