Low Cholesterol: हाई की तरह लो कोलेस्ट्रॉल लेवल भी है बेहद खतरनाक, दिमाग पर पड़ता है बुरा असर; बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
Low Cholesterol Level: हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल दिल की बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है, वहीं लो कोलेस्ट्रॉल लेवल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है.
Low Cholesterol Level: कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का फैट है जो हार्मोन उत्पादन, कोशिका झिल्ली के रखरखाव और तंत्रिका कार्य सहित कई शारीरिक कार्यों के लिए जरूरी है. हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं- एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल. दोनों को मिलाकर कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dL से कम होना चाहिए. हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल दिल की बीमारी और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है, वहीं लो कोलेस्ट्रॉल लेवल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है. आइए विस्तार के जानते हैं कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल क्यों कम हो जाता है.
कुपोषण: उचित पोषण की कमी, विशेष रूप से आहार में आवश्यक फैटी एसिड और प्रोटीन की कमी के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है. इससे आप कुपोषित हो सकते हैं.
हाइपरथायरायडिज्म: एक अति सक्रिय थायरॉयड ग्रंथि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर कम कोलेस्ट्रॉल लेवल पैदा कर सकती है.
कुछ दवाएं: स्टैटिन और नियासिन जैसी दवाएं कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं और कभी-कभी इसका लेवल बहुत कम हो सकता है.
कोलेस्ट्रॉल लेवल कम कम होने से क्या होती है?
संक्रमण का खतरा
इम्यून सेलसकोसहित कोशिका झिल्ली के गठन और कार्य के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी है. कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर इम्यून सिस्टम से समझौता कर सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
पोषक तत्वों की कमी
फैट में घुलनशील विटामिन जैसे कि विटामिन डी, ए, के और ई के अवशोषण के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी है. कोलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर से विटामिन की कमी हो सकती है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
हार्मोनल असंतुलन
सेक्स हार्मोन समेत कई हार्मोन के संश्लेषण के लिए कोलेस्ट्रॉल एक अग्रदूत है. कोलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है जो प्रजनन स्वास्थ्य, मेटाबॉलिज्म और एनर्जी के लेवल को प्रभावित कर सकता है.
नर्व और ब्रेन फंक्शन
कोलेस्ट्रॉल माइलिन शीथ का एक जरूरी कॉम्पोनेंट है, जो नर्व सेल्स को कवर करता है. कम कोलेस्ट्रॉल लेवल तंत्रिका कामों में हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे सुन्नता, झुनझुनी या कमजोरी जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षण हो सकते हैं.
मेंटल हेल्थ का खतरा
कम कोलेस्ट्रॉल का लेवल डिप्रेशन, एंग्जाइटी और आत्महत्या के बढ़ते खतरों से लिंक हैं. कोलेस्ट्रॉल न्यूरोट्रांसमीटर के संश्लेषण में एक भूमिका निभाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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