Bad ही नहीं Good Cholesterol की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा, जानें इस बारे में क्या कहती है नई रिसर्च
गुड कोलेस्ट्रॉल हृदय की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को वापस लिवर तक ले जाता है ताकि वह शरीर से बाहर निकाला जा सके. लेकिन गुड कोलेस्ट्रॉल के आकार पर यह निर्भर करता है कि इससे हार्ट डिजीज का खतरा होगा या नहीं.
नई दिल्ली: कोलेस्ट्रॉल 2 तरह का होता है- गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल और बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल. आपने भी यह अक्सर सुना होगा कि गुड कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए फायदेमंद होता है और हार्ट को बीमारियों से बचाकर हेल्दी बनाए रखने में भी मददगार है. हालांकि स्पेन में हुई एक नई रिसर्च में अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि सभी गुड कोलेस्ट्रॉल भी हेल्दी नहीं होते और बैड कोलेस्ट्रॉल की ही तरह इनके भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए फायदेमंद होता है
इस स्टडी को स्पेन के हॉस्पिटल डेल मार मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के रिसर्चर्स ने किया जिसे मेटाबॉलिज्म, क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है. हालांकि ऐसी कई दवाइयां हैं जो बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करके कार्डियोवस्क्युलर यानी हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करती हैं, लेकिन वे दवाइयां जो गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं वे भी हार्ट डिजीज को कम करने में असरदार हैं या नहीं इस बात की पुष्टि अभी नहीं हो पायी है.
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एलडीएल vs एचडीएल कोलेस्ट्रॉल
इसी विरोधाभास की वजह से शोधकर्ताओं ने गुड कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी बीमारियों के बीच क्या रिलेशन है इसे जानने के लिए यह स्टडी की. गुड कोलेस्ट्रॉल यानी HDL cholesterol (high-density lipoprotein cholesterol), हृदय की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को वापस लिवर तक ले जाता है ताकि वह शरीर से बाहर निकाला जा सके. तो वहीं, बैड कोलेस्ट्रॉल यानी LDL (low-density lipoprotein cholesterol) धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमाने का काम करता है जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है.
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कोलेस्ट्रॉल कण के आकार पर आधारित है हृदय रोग का खतरा
स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने जेनेटिक विशेषताओं का विश्लेषण किया जो गुड कोलेस्ट्रॉल के कणों के आकार का निर्धारण करता है और फिर हृदय संबंधी बीमारी मायोकार्डियल इन्फार्क्शन के जोखिम के साथ उसका क्या संबंध है इसकी जांच की। नतीजे ये रहे कि गुड कोलेस्ट्रॉल के बड़े कणों की जेनेटिक विशेषता सीधे हार्ट अटैक के उच्च जोखिम से जुड़ी है जबकि गुड कोलेस्ट्रॉल के छोटे कणों से जुड़ी जेनेटिक विशेषताएं दिल के दौरे के कम जोखिम से संबंधित हैं.
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हार्ट अटैक जोखिम और गुड कोलेस्ट्रॉल के बीच है सीधा लिंक
इस स्टडी के मुख्य जांचकर्ता डॉ रॉबर्ट इलोस्वा कहते हैं, 'गुड कोलेस्ट्रॉल के कणों के साइज और हार्ट अटैक के जोखिम के बीच सीधा संबंध है. ऐसे में हमें अपने दिल को सेहतमंद रखने के लिए खून में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन उनके कणों का आकार हमेशा छोटा होना चाहिए, बड़ा नहीं.' ऑलिव ऑयल, साबुत अनाज, फैटी फिश, अलसी के बीज, नट्स, चिया सीड्स, दालें और फलियां, हाई फाइबर फ्रूट्स आदि गुड कोलेस्ट्रॉल वाले फूड्स हैं.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)