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नई दिल्ली : कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही किसी भी सामान्य आदमी की हृदय गति बढ़ जाती है, पर इससे घबराना नहीं चाहिए। कोलेस्ट्रॉल बुरा ही नहीं अच्छा भी होता है। दरअसल कोलेस्ट्रॉल मुलायम चिपचिपा पदार्थ होता है जो रक्त शिराओं व कोशिकाओं में पाया जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति एक सामान्य बात है। यह शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। 80 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल का निर्माण हमारे शरीर में लीवर के द्वारा किया जाता है और बाकी 20 प्रतिशत जो भोजन हम लेते हैं, उससे प्राप्त हो जाता है। कोलेस्ट्रॉल एक वसा है जो सीमित मात्रा में जिन्दगी और सेहत के लिए जरूरी है। डायबटीज और किडनी के रोगों से पीड़ित लोगों के लिए उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल बहुत घातक सिद्ध हो सकता है।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सामान्य बनाये रखने में हमारा भोजन बहुत अहम भूमिका निभाता है। इसके लिए सबसे जरूरी है भोजन में चरबी बढ़ाने वाली चीजों को कम करना जैसे मक्खन, घी आदि का सेवन कम करें। इसके स्थान पर जैतून और सूरजमुखी तेल का प्रयोग करें। मछली और समुद्री भोजन कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। रेशेदार और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें। आलू, अनाज, दालें आदि अधिक खाएं। एंटी आक्सीडेंट खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें जैसे विटामिन सी, विटामिन के, जिंक, सेलेनियम युक्त पदार्थ भोजन।
नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में बढ़ोतरी नहीं होती। इसके अलावा, योगासन भी काफी सहायक होते हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने में प्राणायाम काफी मददगार होता है। धूम्रपान से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल का चिकित्सकीय उपचार भी संभव है। ऐलोपैथ में सिर्फ इसके नियंत्रण के लिए ही कुछ दवाइयां उपलब्ध हैं, जबकि आयुर्वैदिक दवाओं में आरोग्यवर्धिनी, पुनर्नवा मंडूर, त्रिफला, चन्द्रप्रभा वटी और अर्जुन की छाल के चूर्ण का काढ़ा इसे जड़ से मिटाने में बहुत लाभकारी होता है।
मछली का तेल भी बुरे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में बहुत सहायक होता है। फोलिक एसिड के कैप्सूल भी लाभदायक होते हैं। इसके अलावा कुछ फल जैसे स्ट्राबेरी, लाल अंगूर, माल्टा, नींबू, ब्लूबेरीज, एवोकीडो, खूबानी, सेब, कीवी, अनार आदि खाने से कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण के साथ इसका स्तर भी कम होता है। अगर भोजन में अनाज व ओट मील का सेवन किया जाए तो स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। रेशायुक्त पदार्थों में आप अनाज, बींस, फलों व सब्जियों का सेवन करें जिनमें रेशे के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्व विटामिन व मिनरल भी मिलते हैं।