ऐलोवेरा में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं जिसकी मदद से रैशेज यानी खुजली और घमौरियों को दूर करने में मदद मिलती है. ऐलोवेरा की तासीर ठंडी होती है और यह स्किन में जलन और रेडनेस को दूर करने में मदद करता है. शरीर के जिस हिस्से पर खुजली हो रही हो या घमौरियों की समस्या हो वहां पर ऐलोवेरा जेल लगाएं और 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. फिर पानी से धो लें. आप दिनभर में 2-3 बार ऐसा कर सकते हैं.
पसीने की जो ग्रंथियां (sweat ducts) बंद हो जाती हैं (clogged) उनकी वजह से भी स्किन पर दाने और घमौरी की समस्या होती है. स्किन के इन पोर्स और डक्ट्स को खोलने में मदद करता है ओट्स. साथ ही यह स्किन में जलन से भी राहत दिलाता है. आप चाहें तो पानी में ओटमील डालकर उसी पानी से नहाएं और प्रभावित हिस्से पर हल्के हाथ से ओट्स से स्क्रब करें. सप्ताह में 2-3 बार ऐसा करने से फायदा होगा.
मुल्तानी मिट्टी भी त्वचा के बंद हो चुके पोर्स (रोमछिद्र) को खोलने में और घमौरियों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती है. साथ ही मुल्तानी मिट्टी भी ठंडी होती है जो स्किन को अंदर से कूल डाउन करने में मदद करती है. आप चाहें तो मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें और प्रभावित हिस्से पर लगाएं. इस पेस्ट को 15 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें. आप इस पेस्ट का इस्तेमाल रोजाना कर सकते हैं.
गर्मियों में होने वाली खुजली की समस्या और घमौरी को भी दूर करने में मदद करता है चंदन का पाउडर. इसके लिए आप चंदन पाउडर में थोड़ा सा ठंडा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें और शरीर के जिस हिस्से पर दाने या घमौरी हो वहां पर लगाकर पेस्ट को कुछ देर के लिए सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें.
गर्मी के मौसम में जहां तक संभव हो सूती कपड़े ही पहनें. ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनने से शरीर के अंदर तक हवा जाती है जिससे शरीर अंदर से ठंडा रहता है और ज्यादा पसीना नहीं निकलता. लिहाजा हल्के रंग वाले कॉटन फैब्रिक के कपड़े ही गर्मियों के लिए बेस्ट हैं. जहां तक संभव हो सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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