अगर आपको सांस की दुर्गंध की समस्या है तो अपने बैग में हमेशा एक टूथब्रश रखें और हर बार खाना खाने के बाद फ्लोराइड और एंटीबैक्टीरिया युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करें. सिर्फ ब्रश करना काफी नहीं है. बैक्टीरिया जीभ पर भी पनपते हैं और बदबू पैदा करते हैं. इसलिए दांत के साथ ही जीभ की भी अच्छे से सफाई करें. इसके अलावा फ्लॉस की मदद से दांतों के बीच में फंसे भोजन के कण और प्लाक को भी निकालें. ऐसा करने से मुंह की बदबू दूर हो जाएगी.
ड्राई माउथ यानी मुंह सूखना भी एक कंडिशन है जिसकी वजह से मुंह से दुर्गंध या सांस की बदबू की समस्या हो सकती है. जब मुंह में मौजूद लार ग्रंथी पर्याप्त मात्रा में लार का निर्माण नहीं करते तो मुंह सूखने लगता है. यह शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन की वजह से भी हो सकता है या फिर किसी तरह की दवा या खानपान की वजह से भी. लिहाजा सर्दी हो या गर्मी पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है. हर शरीर की पानी की जरूर अलग-अलग होती है लेकिन रोजाना 2 से 3 लीटर पानी एक वयस्क व्यक्ति को अवश्य पीना चाहिए.
एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर ग्रीन टी में ईजीसीजी नाम का एक तत्व पाया जाता है जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है. 2013 में हुई एक लैब स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि ईजीसीजी मसूड़ों में उन कोशिकाओं को उत्तेजित करता है जिससे एंटीमाइक्रोबियल केमिकल रिलीज होता है. ये केमिकल मसूड़ों की बीमारी और मुंह की दुर्गंध के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को टार्गेट करता है. 2015 में हुई लैब स्टडी में भी यह बात साबित हो चुकी है कि ग्रीन टी के अर्क सांस की दुर्गंध की समस्या रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं. हालांकि रोजाना 2 से 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन न करें.
दही में हेल्दी बैक्टीरिया पाया जाता है जिसे लैक्टोबैसिलस कहते हैं. ये हेल्दी बैक्टीरिया शरीर के विभिन्न हिस्सों में मौजूद बुरे बैक्टीरिया से लड़ने और उन्हें कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. इस बारे में एक रिसर्च हुई जिसमें 6 हफ्तों तक दही खाने के बाद यह बात सामने आयी कि स्टडी में शामिल 80 प्रतिशत प्रतिभागियों के सांस की बदबू की समस्या में कमी देखने को मिली. दही में प्रोबायोटिक्स होता है जो सांस की बदबू की गंभीरता को असरदार तरीके से कम करने में मदद कर सकता है.
खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर सौंफ खाने का रिवाज तो सदियों से चला आ रहा है. इसका कारण ही यही है कि सौंफ का स्वाद मीठा होता है और इसमें पाए जाने वाले एसेन्शियल ऑयल की खशबू सांसों को तरोताजा करने में मदद करती है. आप चाहें तो सौंफ को सादा, भूनकर या फिर मिश्री के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं. इसके अलावा संतरा भी ओरल हाइजीन बढ़ाने में मदद कर सकता है. विटामिन सी से भरपूर संतरा, लार का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है जिससे सांस की बदबू दूर करने में मदद मिल सकती है.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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