ज्यादा हेल्थ एक्सपर्ट्स गर्भवती महिलाओं को पपीता न खाने की सलाह देते हैं. इसका कारण ये है कि पपीता, गर्भ में पल रहे भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है. timesofindia.com की एक रिपोर्ट की मानें तो पपीता में पैपेन नाम का एक तत्व होता है जिसकी वजह से गर्भ में पल रहे भ्रूण में जन्मजात दोष और कई तरह की अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं. कच्चा पपीता खाने से गर्भपात का भी खतरा रहता है. वैसे तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पपीता के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं इस बारे में ज्यादा रिसर्च मौजूद नहीं है. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद भी कुछ समय तक पपीता न खाएं.
पपीते में मौजूद पैपेन एक तरह का एंजाइन है जिसकी वजह से एलर्जी हो सकती है. अगर कोई अस्थमा का मरीज है या फिर सांस से संबंधित कोई और बीमारी हो तो डॉक्टर से पूछे बिना पपीता न खाएं या फिर कम मात्रा में ही खाएं और कच्चा पपीता तो बिलकुल न खाएं. बहुत अधिक पपीता खाने से घबराहट और सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं.
वैसे तो पपीते में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है और यह कब्ज की समस्या दूर करने में रामबाण माना जाता है लेकिन बहुत अधिक पपीता खाने से पेट खराब हो सकता है और डायरिया की समस्या हो सकती है. साथ ही पपीते में लेटेक्स भी होता है जिसकी वजह से पेट में दर्द और ऐंठन महसूस हो सकती है.
अगर कोई मरीज पहले से ही ब्लड शुगर की दवा ले रहा हो तो उन्हें भी डॉक्टर से पूछे बिना पपीता नहीं खाना चाहिए क्योंकि पपीता ब्लड शुगर लेवल को और अधिक कम कर सकता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है.
जिन लोगों को हृदय रोग है उन्हें भी बहुत अधिक पपीता नहीं खाना चाहिए. ज्यादा पपीता खाने से हार्ट बीट यानी दिल की धड़कन की दर कम हो सकती है. साथ ही पपीता, हृदय से जुड़ी कई अन्य परेशानियों को भी बढ़ा सकता है. इसलिए हार्ट पेशेंट्स को भी डॉक्टर से बात करके ही पपीता खाना चाहिए.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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