नई दिल्ली: वैसे तो सोयाबीन सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है और इस कारण इसे पोषक तत्वों के खजाने के तौर पर भी देखा जाता है. प्लांट बेस्ड यानी पेड़-पौधों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Protein) का सबसे अच्छा स्त्रोत सोयाबीन (Soyabean) ही है. इसलिए जो लोग नॉन वेजिटेरियन भोजन (Non-Veg Food) खाकर शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन हासिल नहीं कर पाते उन्हें अपनी डाइट में सोयाबीन को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि सोयाबीन हड्डियों को कमजोर (Weak Bones) होने से बचाता है. 


ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर कम करता है सोयाबीन


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इसके अलावा सोयाबीन खाने से कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) लेवल को कम करने में मदद मिलती है, ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को कम करके हार्ट को हेल्दी रखने में मदद मिलती है, ब्लड शुगर (Blood Sugar) कम हो सकता है, मेनोपॉज (Menopause) के लक्षण भी कम हो सकते हैं और साथ ही जिन लोगों का वजन कम है उन्हें भी वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है सोयाबीन. लेकिन कुछ लोगों का यह भी मानना है कि सोयाबीन का अधिक सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, थायरॉयड फंक्शन गड़बड़ हो जाता है और पुरुषों के लिए भी सोयाबीन ठीक नहीं है.


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ये लोग ना करें सोयाबीन का सेवन


1. गर्भवती महिलाएं- गर्भवती महिलाएं या बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी बहुत अधिक सोयाबीन खाने से बचना चाहिए. इसका कारण ये है कि Pregnancy में बहुत अधिक मात्रा में सोयाबीन खाने से गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है. साथ ही जी मिचलाना और चक्कर आने जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. इसलिए बेहतर यही होगा कि गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं (Breastfeeding) सोयाबीन, सोया मिल्क या सोयाबीन से बने प्रॉडक्ट्स का सेवन ना ही करें. 


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2. हृदय रोग के मरीज- कुछ शोधकर्ताओं की मानें तो सोयाबीन में ट्रांसफैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है और इसलिए जिन लोगों को पहले से हृदय रोग (Heart Disease) की समस्या है उन्हें सोयाबीन नहीं खाना चाहिए या फिर बेहद सीमित मात्रा में कभी-कभार ही सेवन करना चाहिए.


3. अस्थमा के मरीज- जिन लोगों को अस्थमा (Asthma) की बीमारी होती है वे अक्सर सोया के प्रति एलर्जिक होते हैं इसलिए अस्थमा के मरीजों को और उन लोगों को जिन्हें हे फीवर (एलर्जिक राइनाइटिस) हो उन्हें भी सोयाबीन का सेवन नहीं करना चाहिए.


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4. किडनी में स्टोन- कुछ अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो सोयाबीन और उससे बनने वाले उत्पादों का अधिक सेवन करने से किडनी में स्टोन (Kidney Stone) होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इसमें ऑक्सेलेट्स नाम का केमिकल बड़ी मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा जिन लोगों को पहले से किडनी की कोई बीमारी हो उनका शरीर पर सोयाबीन में मौजूद केमिकल को सही तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता. लिहाजा जिन लोगों को किडनी से जुड़ी कोई बीमारी हो उन्हें भी सोयाबीन से दूर ही रहना चाहिए.


5. पुरुष भी करें परहेज- कई अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन नाम का केमिकल पाया जाता है. इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता (Sperm Quality) में कमी आ सकती है. साथ ही ज्यादा सोयाबीन खाने से यौन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा कुछ रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि सोयाबीन का अधिक सेवन करने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल भी कम हो जाता है. 


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