हार्ट अटैक आने के कितने देर बाद मौत होती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दौरा कितनी तीव्रता से आया है. पिछले कुछ सालों में ऐसे कई मामले देखने के लिए मिले हैं, जिसमें व्यक्ति चलते, दौड़ते, डांस या जिम करते वक्त अचानक से गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है. लगभग हर उम्र के व्यक्ति के साथ ऐसा हो चुका है. ऐसे में हार्ट अटैक के लिए एज रिस्क फैक्टर नहीं रह गया है. पिछले दिनों जहां पुणे के गरबा किंग माने जाने वाले 50 साल के अशोक माली की गरबा खेलते हुए हार्ट अटैक से मौत हो गयी है. वहीं, पिछले साल 17 साल के वीर शाह और 28 साल के रवि पूंचल की गरबा करते वक्त मौत हुई थी. 


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ऐसे में हमने इसके पीछे का कारण जानने के लिए डॉ. बलबीर सिंह ग्रुप चेयरमैन - कार्डियक साइंसेज, पैन मैक्स और चीफ ऑफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत से बात की. उन्होंने बताया कि डांस, एक्सरसाइज, जिमिंग, रनिंग या कोई स्पोर्ट्स एक्टिविटी करते वक्त अचानक मौत हो सकती है. लेकिन इस तरह पहली बार सबका ध्यान तब गया जब अमेरिका में बास्केटबॉल प्लेयर की मौत स्टेडियम में गेम के दौरान हुई. फिर कोविड के बाद इसके कई मामले भारत में भी मिलने लगे. इस तरह की मौतों के पीछे कई स्वास्थ्य संबंधित कारण हो सकते हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है.


अचानक हार्ट फेल का कारण

एक्सपर्ट बताते हैं कि एक प्रमुख कारण जो इन अचानक मौतों का मुख्य कारण बनता है, वह है दिल की मांसपेशियों का मोटा होना. यह आनुवंशिक एथलेटिसिज्म के कारण हो सकता है. जब दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं, तो इससे हार्ट बीट कम या बढ़ने लगती है. ऐसे में व्यक्ति अचानक गिर सकता है और उसे वेंट्रिकुलर कार्डियो या वेंट्रिकुलर एरिथमिया का सामना करना पड़ सकता है. जो कार्डियक अरेस्ट का कारण बनता है. 

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ज्यादा फिजिकल मेहनत करना भी एक वजह

जब व्यक्ति अत्यधिक शारीरिक गतिविधि करता है, तो उसके दिल और धमनियों में पहले से मौजूद जमा हुआ प्लाक टूट सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इस प्रकार की गतिविधियों में डांस, जिम, दौड़ना और अन्य खेल शामिल हैं. 


उपाय और सावधानियां

ऐसे में कार्डियोलॉजिस्ट जोखिम को कम करने के लिए यदि आप कोई भी अग्रेसिव एक्टिविटी शुरू करने जा रहे हैं, तो पहले फुल हेल्थ चेकअप करा लें.  इसमें ब्लड टेस्ट, ईसीजी, इको कार्डियोग्राम और ट्रेडमिल टेस्ट शामिल हैं. यदि ये सभी टेस्ट नॉर्मल है तो आपको दिल का दौर पड़ने का खतरा बहुत कम हो जाता है. खासतौर पर यदि आप धूम्रपान या शराब पीते हैं, तो आपको ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.

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एथलीट्स के लिए विशेष जांच

विशेष रूप से एथलीट्स के लिए नियमित ईसीजी और इको टेस्ट करवाना जरूर है. ये टेस्ट संभावित हार्ट संबंधी समस्याओं की पहचान करने में मदद करते हैं, जैसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी और एरिदमोजेनिक कार्डियोमायोपैथी. यदि कोई जोखिम पाया जाता है, तो एथलीट को खेलों में भाग लेने से पहले चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.