Aditya L 1 distance from earth: सूरज का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल 1 अपने सफर पर सफलता के साथ आगे बढ़ रहा है. इस समय 282 किमीX 40255 किमी की कक्षा में यह चक्कर लगा रहा है. दो छलांग के बाद अब तीसरी छलांग के लिए 10 सितंबर की तारीख तय की गई है.
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Aditya L 1 Mission: चंद्रयान 3 की सफल कामयाबी के बाद अब नजर आदित्य एल 1 मिशन (aditya l1 kab pahuchega) पर है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर(isro aditya l1 mission) से 2 सितंबर को इसका प्रक्षेपण किया गया था. करीब चार महीने के सफर के बाद इसे सूर्य और पृथ्वी के अक्ष में स्थित एल 1 प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा. इस समय यह यान दूसरी छलांग में 282 किमी के घेरे में 40,225 किमी की दूरी पर स्थित कक्षा में स्थापित हो चुका है.
आदित्य अब तक लगा चुका है दो छलांग
इससे पहले चार सितंबर को आदित्य एल 1 (aditya l1 mission in hindi) को 245 किमी के घेरे में धरती से 22459 किमी दूर कक्षा में स्थापित किया गया है. अब पांच दिन बाद यानी 10 सितंबर को 2.30 बजे के करीब इसे तीसरी छलांग में आगे वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा. बता दें कि आदित्य एल 1 को लैग्रेंज प्वाइंट(aditya l1 mission landing date) पर अंतिम रूप से स्थापित किया जाना है.
-पहली छलांग- 245 किमी X22459 किमी की कक्षा
-दूसरी छलांग- 282 किमीX 40224 किमी की कक्षा
-तीसरी छलांग- 10 सितंबर को निर्धारित
-15 लाख किमी दूर L 1 पर स्थापित किया जाएगा आदित्य.
आदित्य एल 1 में कुल सात पेलोड
आदित्य एल 1 मिशन में कुल सात पेलोड(aditya l1 seven payloads) है जिनमें से चार सूर्य से निकलने वाली किरणों का अध्ययन करेंगे जबकि चार पेलोड के जरिए एल 1 के अगल बगल के इलाकों का अध्ययन होगा. यह वो बिंदू है जहां पर सूरज और धरती का गुरुत्वाकर्षण एक दूसरे को संतुलित करते हैं जिसका फायदा आदित्य एल 1 को मिलेगा. यह वो बिंदु है जहां ग्रहण का प्रभाव भी नहीं होता. इसका अर्थ यह है कि आदित्य एल 1 बिना ग्रहण के प्रभाव आसानी से सूरज के हाव भाव को समझ सकेगा. इसरो का कहना है कि अब तक आदित्य मिशन(aditya l1 mission) कामयाबी के साथ अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रहा है.