कोलकाता: सुपर साइक्लोन अम्फान (Amphan) की वजह से पश्चिम बंगाल में अफरा-तफरी का माहौल है. अम्फान पश्चिम बंगाल के ऊपर से होकर गुजरेगा और इसी संभावना को ध्यान में रखते हुए बिजलीघर ने पूरे दमखम से इसका मुकाबला करने की तैयारी कर ली है. राज्य के सभी मेंटेनेंस के कर्मी 24X7 मौजूद रहेंगे. इसके अलावा बड़ी और छोटी सीढ़ियां भी मौजूद रहेंगी ताकि अगर कोई हाई वोल्टेज की तार टूट जाए तो उसकी मरम्मत की जा सके. इसके अलावा कोविड-19 अस्पताल में बिजली समस्या ना उत्पन्न हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. सभी डिवीजन में ट्रांसफार्मर और डीजल मोटर की व्यवस्था की गई है. इस तूफान के चलते इमरजेंसी नंबर (7449300840 / 9433564184) 24X7 खुले रहेंगे जिससे आप सीधा बिजली दफ्तर से संपर्क साथ सकेंगे.
दक्षिण 24 परगना के कैनिंग से सुंदरबन के गोसाबा बासंती झोड़खाली सुंदरबन तटवर्तीय इलाको में कड़ी नजर रखी गई है और समुद्र का पानी अब और ज्यादा उफान पर है. प्रशासन द्वारा समुद्र किनारे बसे लाखों लोगों को सुरक्षित स्थान में ले जाया गया है. इन इलाकों में रह रहे लोगों में डर बैठ गया है कि आगे क्या होने वाला है.
मौसम विभाग के मुताबिक सुंदरबन और दक्षिण 24 परगना के विभिन्न इलाकों में बड़े स्तर पर नुकसान हो सकता है. सुपर साइक्लोन अम्फान द्वारा कई लोगों की जान भी जा सकती है, ये ठीक वैसा ही है, जैसा अईला तूफान के दौरान हुआ था.
मगर इस बार का तूफान साल 2009 के 25 मई के आइला तूफान को भी पीछे छोड़ देगा. समुद्र के किनारे स्थित रिहाइशी इलाकों से लोगों को हटाने का काम शुरू हो गया है. इनमें से कुछ लोगों को किसी स्कूल के कमरे में रखा गया है तो किसी को सरकारी केन्द्रों में ले जाया गया है.
घरों को सैनिटाइज भी किया गया है क्योंकि यहां कोरोना का भी खतरा मंडरा रहा है. समुद्र में उफान 15 से 18 मीटर की की ऊंचाई को छू सकता है. सबसे बड़ा खतरा सुंदरबन इलाकों को हो सकता है. ग्राम पंचायत द्वारा खाने पीने का सामान और अन्य राहत सामग्री भी पहुंचाया जा रहा है. नदियों में भी पानी उफान पर है और प्रशासन द्वारा बांध बनाने का काम भी जोरों पर है.
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वहीं कोलकाता में 20 भारतीय तटरक्षक आपदा राहत की टीमें तत्काल मदद के लिए स्टैंडबाय पर हैं. चक्रवात को देखते हुए कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट) पर पोर्ट संपत्ति और व्यापारी जहाजों को किसी भी नुकसान से बचाने के इंतजाम किए गए हैं.
सभी 19 जहाजों ने अपने लंगर को उठा लिया है जिससे तूफान से बचा जा सके. डायमंड हार्बर में सभी कार्गो हैंडलिंग ऑपरेशन को रोक दिया गया. सभी बराज को शेल्टर्ड वाटर में मूव अप के लिए कहा गया है.
हल्दिया और बाज बाज पर कोई जहाज नहीं रखा गया है. कोलकाता में आवक और जावक जहाजों के सभी मूवमेंट को रद्द कर दिया गया है. HDC पर इनबाउंड और आउटबाउंड जहाजों के मूवमेंट को रद्द कर दिया गया. इससे पहले हाल्दिया से 3 शिप रवाना हुई थीं. वर्तमान में केडीएस में 15 व्यापारी, केपीडी में 6 और एनएसडी में 9 व्यापारी जहाज हैं. 11 व्यापारी जहाज हल्दिया डॉक्स में हैं. सुभाष भवन, सागर और जवाहर टॉवर हल्दिया में 24 घंटे मॉनीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.
सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म अम्फान बंगाल की वेसेन्ट्रल खाड़ी के ऊपर उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है, इसकी स्पीड पिछले 6 घंटों के दौरान 15 किमी प्रति घंटे की रही.
इस चक्रवात के बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और पश्चिम बंगाल को पार करने की संभावना है. यह 20 मई को दीघा (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश) के बीच दोपहर / शाम के दौरान 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ सकता है. सुपर साइक्लोन को अब विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) में डॉपलर वेदर रडार (डीडब्ल्यूआर) द्वारा लगातार ट्रैक किया जा रहा है.
वहीं दिल्ली में सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह ने अम्फान पर बात करने के लिए ममता बनर्जी को कॉल किया.
बता दें कि 25 एनडीआरएफ की टीमें पहले से ही तैनात की गई हैं, इसके अलावा 12 अलग कंपनियों को रिजर्व रखा गया है.
इससे पहले खबर मिली थी कि अम्फान तूफान तेजी से पूर्वी मिदनापुर के तरफ बढ़ रहा है. यह तूफान दीघा के तटवर्ती इलाकों से होकर गुजरेगा और इसकी तीव्रता काफी होगी ऐसा कहा जा रहा है. इस तूफान को देखते हुए हल्दिया बंदरगाह को बंद कर दिया गया है और किसी भी तरह के जहाज की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है और साथ ही जो 10 माल ढोने वाले जहाज बंदरगाह पर खड़े हैं, उसमें से भी तेजी से माल को उतारने का काम किया जा रहा है. जो जहाज हल्दिया बंदरगाह में पहुंचने वाले थे उन्हें समुंदर में ही रोक दिया गया है क्योंकि हल्दिया जिले में भी आपन तूफान के पहुंचने की पूरी उम्मीद है.
इसके अलावा जेटी को भी खाली करने का निर्देश दिया गया है बंदरगाह की ओर से. इस मामले में बंदरगाह के अधिकारियों ने राज्य जिला प्रशासन के साथ जरूरी बैठक भी की है. अम्फान तूफान को देखते हुए पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है, खासतौर पर हल्दिया, दीघा, मंदारमनी , ताजपुर जैसे इलाकों में इस तूफान का भारी प्रभाव पड़ सकता है.
हल्दिया बंदरगाह के अधिकारियों ने एक आपातकालीन बैठक में सुरक्षा के मद्देनजर कई अहम फैसले लिए हैं. बंदरगाह पर मौजूद सभी छोटे-मोटे जहाज और जेटी को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया गया है. जो जहाज सेंड हेड में मौजूद हैं उन्हें भी सुरक्षित स्थान पर ले जाने का आदेश दिया गया है. बंदरगाह प्रशासन युद्ध कालीन स्थिति की तरह मुकाबला करने के लिए तत्पर है. हलिया म्युन्सिपालिटी के प्रधान श्यामल कुमार अदक ने बताया 26 लोगों की एक टीम तैयार की गई है इस तूफान से लड़ने के लिए, साथ ही नदी के तटवर्ती इलाकों में भी रहने वाले लोगों को माइकिंग के जरिए सतर्क किया जा रहा है और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हल्दिया म्युनिसिपालिटी हल्दिया पोर्ट एवं हल्दिया तटवर्ती इलाकों में मुकाबले के लिए प्रशासन तैयार है.
दीघा का समुद्र इस वक्त उफान पर है और NDRF डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम पूरे इलाके में माइकिंग कर प्रचार चला रही है, तटवर्ती इलाकों में करीब 400 से भी ज्यादा लोग रहते हैं जिन्हें प्रशासन की तत्परता से हटा दिया गया है और एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. अभी लोगों को हटाने का काम जारी है और हर एक ब्लॉक में कल रात से ही कंट्रोल रूम खोल दिए गए हैं.
हल्दिया पोर्ट में भी जहाजों के आवाजाही पर रोक लगा दी गई है और साथ ही जिन जहाजों में माल रखा गया है उन जहाजों को तेजी से खाली करवाया जा रहा है. कोस्ट गार्ड चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं. अभी तक दीघा से लेकर के हल्दिया तक मौजूद तटवर्ती इलाकों में करीब 10000 लोगों को सुरक्षित स्थानों में ले जाया गया है. जामड़ा, श्यामपुर , ताजपुर में तेजी से बांध मरम्मत का काम चल रहा है जिसमें ग्रामीणों ने भी हाथ लगाया है. इस भयंकर तूफान को देखते हुए लोग काफी ज्यादा सतर्क हैं. आज सुबह से ही आसमान भारी दिखा और हल्की-फुल्की ठंडी हवा भी इलाके में बह रही है. दीघा समेत मंदारमनी हल्दिया में प्रशासन द्वारा माइकिंग की जा रही है और कड़ी नजर धारी रखी जा रही है. समुद्र भी अपनी गतिविधियों में धीरे-धीरे बदलाव ला रहा है.
पूर्वी मिदनापुर के दीघा समुद्री तट में अभी तक फिलहाल बारिश शुरू नहीं हुई है मगर समुंदर में उफान जारी है. इस वक्त तटवर्ती इलाकों में कोई भी पर्यटक मौजूद तो नहीं है और समुंदर के किनारे रस्सी से बैरिकेडिंग कर दी गई है दीघा कोस्टल थाना के अधिकारियों द्वारा.
अम्फन तूफान से बचने के लिए कोलकाता पुलिस भी तत्पर है. कोलकाता के जिन इलाकों में पुराने मकान और घर मौजूद हैं, वहां से सभी लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. जिन घरों की छतों पर क्रेन मौजूद हैं, उन्हें जल्द से जल्द हटाने को कहा गया है.डिजास्टर मैनेजमेंट टीम को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
इसके अलावा कोलकाता से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां कोरोना संक्रमण से खुद को बचाने के लिए एक उबर ड्राइवर ने अपने आप को पूरी तरह से प्लास्टिक कवर से ढक दिया. इस तरह की एक अनोखी पहल को इस उबर ड्राइवर ने शुरुआत की ताकि खुद को गाड़ी में बैठे यात्रियों से दूर रख सके तथा संक्रमण से खुद को बचा सके.
वहीं उत्तर 24 परगना में लॉकडाउन के चलते मोबाइल विक्रेता सबसे ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. पहले से मोबाइल की बिक्री में 20% का इजाफा हुआ है. कोरोना और लॉकडाउन के चलते हैं जहां कई व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है तो वही मोबाइल व्यापारियों के लिए यह किसी लॉटरी से कम नहीं है.
लॉकडाउन के चलते जैसे कि सभी स्कूल कॉलेज ऑफिस बाहर खेलना घूमना बंद है तो लोगों को अपने मनोरंजन, पढ़ाई और वर्क फ्रॉम होम के लिए सबसे ज्यादा जरूरत मोबाइल फोन है. स्कूल कॉलेज के छात्रों को घर बैठे ही ऑनलाइन क्लासेज करनी पड़ रही है और इसके लिए मोबाइल फोन की जरूरत तो अमूमन हर किसी को पड़ रही है और जो लोग ऑफिस का काम घर बैठे ही कर रहे हैं उन्हें भी मोबाइल की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पहले की तुलना में यानी लॉकडाउन के पहले की तुलना में इस वक्त मोबाइल फोन की मांग सबसे अधिक है, और इसी को देखते हुए उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में मोबाइल की दुकानों में भारी भीड़ देखी जा रही है.
खरीददारों का कहना है कि घर पर मोबाइल को लेकर आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, खासतौर पर बच्चों के साथ जिन्हें दिन में ऑनलाइन क्लासेज करनी पड़ती है और उसी के साथ-साथ लोगों को वर्क फ्रॉम होम करना पड़ रहा है. और इसीलिए इस समस्या से निपटने के लिए लोगों की भारी भीड़ मोबाइल की दुकानों में देखी जा रही है.
हालांकि मोबाइल व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मोबाइल ही बिक रहे हैं और इस बार तो मोबाइल की बिक्री 20% ज्यादा बढ़ चुकी है.
वहीं एक खबर ये भी है कि प्रवासी मजदूरों ने खाना एवं चिकित्सा के अभाव में क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर निकल कर सड़क पर जाम लगा दिया. घटना मालदा जिले के मोथा-वाडी थाना के अंतर्गत बाबला कमलपुर की है.
प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि वह लोग पिछले तीन-चार दिन से एक स्थानीय एक मद्रासी में रुके हुए थे, मगर उनके लिए किसी भी प्रकार का खाने पीने की व्यवस्था नहीं की गई. बस इसी बात पर यह मजदूर भड़क गए और सड़क जाम कर दिया बांस के बड़े-बड़े झंडे लगाकर और साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. काफी देर बाद मजदूरों ने प्रदर्शन रोका.
वहीं इस चक्रवात के बीच लॉकडाउन में फंसे एक मजदूर के परिवार की मार्मिक कहानी सामने आई है. लॉकडाउन में फंसे महाराष्ट्र में एक मजदूर के परिवार ने यह तय किया था कि वह अब 2125 किलोमीटर पैदल चलकर ही अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे. मगर यह सफर इतना आसान भी नहीं था क्योंकि इनकी गोद में एक डेढ़-दो साल का बच्चा भी था जिसे इस लंबे सफर तक इन मजदूरों का साथ देना था. मुंबई से जलपाईगुड़ी जिले के धुपगुड़ी तक यह मजदूर दंपति आखिरकार मंगलवार को पहुंच ही गया.
कूचबिहार जिले के घोक्सार डांगा इलाके के रहने वाले मोमिनूर रहमान एक 2 साल पहले अपनी पत्नी और बच्चे के साथ मुंबई में मजदूरी करने गया था. मुंबई में उसने जो भी पैसा कमाया उसी से अपना गुजर-बसर करने लगा, लेकिन अचानक से कोरोना वायरस ने पूरे देश पर ताला लगा दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया, जिसमें कि कोई भी अपने घरों से बाहर या दूसरे राज्यों में नहीं जा सकता है.
मजदूर मोमिनूर रहमान ने बताया 14 दिन पहले उन्होंने महाराष्ट्र से राष्ट्रीय राजमार्ग पकड़कर अपनी यात्रा शुरू की थी. बीच रास्ते में उन्हें कई ऐसे क्लब अथवा संगठन मिले जिन्होंने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की और इसी तरह 13 दिन बाद कल्याणी सोमवार को यह लोग मालदा पहुंचे और वहां के स्थानीय क्लब की तरफ से और पुलिस की मदद से इनके रात में इन्हें एक बस में चढ़ा दिया गया. उसके बाद वह बस मंगलवार रात के 3:00 बजे सिलीगुड़ी में पहुंची और फिर सिलीगुड़ी से फिर पैदल यात्रा शुरू की और उसके बाद धुपगुड़ी पहुंचे.
मोमिनूर ने आरोप लगाया कि उन्होंने जब महाराष्ट्र पुलिस से मदद की गुहार लगाई तो महाराष्ट्र पुलिस ने सीधे-सीधे कह दिया कि तुम लोग ममता बनर्जी के राज्य से हो और तुम्हारी हम लोग किसी भी प्रकार की सहायता नहीं कर सकते हैं. बाद में धुपगुड़ी थाने के ट्रैफिक OC अभिजीत सिन्हा की तत्परता से मजदूर के परिवार को एक मेटाडोर में बिठाकर उनके घर की ओर रवाना किया गया.