मानसून सत्र: Article 370 निरस्त होने के बाद पहली बार संसद में शामिल हुए फारूक अब्दुल्ला
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मानसून सत्र: Article 370 निरस्त होने के बाद पहली बार संसद में शामिल हुए फारूक अब्दुल्ला

अब्दुल्ला (Abdullah) इस सत्र में उन आरोपों पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं कि जम्मू -कश्मीर में कुछ नेताओं को जम्मू-कश्मीर की स्थिति बदलने के बाद अवैध हिरासत में रखा गया है.

फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article) निरस्त होने के एक साल से अधिक समय के अंतराल के बाद पहली बार संसद के मानसून सत्र में भाग लिया. अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के उन नेताओं में से एक थे जिन्हें पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र द्वारा आर्टिकल 370 को रद्द कर दिए जाने के बाद हिरासत में रखा गया था.

  1. अब्दुल्ला, विपक्षी बेंच की दूसरी पंक्ति में अपनी निर्धारित सीट पर बैठे
  2. इसके बाद, महबूबा मुफ्ती की हिरासत पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है
  3. कई विपक्षी नेताओं ने मांग की थी कि अब्दुल्ला को संसद में उपस्थित होने की अनुमति दी जाए

आरोपों पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं अब्दुल्ला
अब्दुल्ला इस सत्र में उन आरोपों पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं कि जम्मू -कश्मीर में कुछ नेताओं को जम्मू-कश्मीर की स्थिति बदलने के बाद अवैध हिरासत में रखा गया है. लोकसभा कक्ष में कांग्रेस के शशि थरूर और मनीष तिवारी, राकांपा की सुप्रिया सुले, डीएमके के ए. राजा और मुथुवेल करुणानिधि कनिमोझी और अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सहित वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया. वह विपक्षी बेंच की दूसरी पंक्ति में अपनी निर्धारित सीट पर बैठे.

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कई विपक्षी नेताओं ने मांग की थी
पिछले साल के शीतकालीन सत्र में आर्टिकल 370 निरस्त करने के दौरान, कई विपक्षी नेताओं ने मांग की थी कि अब्दुल्ला को संसद में उपस्थित होने की अनुमति दी जाए. अब्दुल्ला ने तब श्रीनगर में एक भावनात्मक साक्षात्कार में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्हें हिरासत से बाहर आने के लिए अपने घर का दरवाजा तोड़ना पड़ा था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के इस दावे को खारिज कर दिया था कि वह (अब्दुल्ला) कही भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं.

श्रीनगर से लोकसभा सीट से सांसद 
फारूक अब्दुल्ला 2002 में जम्मू -कश्मीर से राज्यसभा के लिए चुने गए और 2009 में फिर से निर्वाचित हुए. उन्होंने मई 2009 में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और श्रीनगर से लोकसभा सीट जीती. अब्दुल्ला की उपस्थिति से पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की हिरासत पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है. जबकि जम्मू-कश्मीर के अधिकांश मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया गया है, जिनमें फारूक और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं, वहीं मुफ्ती को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में ही रखा गया है. (इनपुट आईएएनएस)

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