Arvind Kejriwal questions to Mohan Bhagwat: दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पहली बार रविवार (22 सितंबर) को जनता के बीच पहुंचे. दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित 'जनता की अदालत' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि आरएसएस वाले कहते हैं हम राष्ट्रवादी हैं, हम देश भक्त है. मैं पूरे सम्मान के साथ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से पांच प्रश्न पूछना चाहता हूं.


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मोहन भागवत से अरविंद केजरीवाल के पांच सवाल


1. जिस तरह मोदी जी देशभर में लालच देकर या ED, CBI का डर दिखाकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं, सरकारें गिरा रहे हैं. क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते ये भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है?


2. देशभर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी ने अपनी पार्टी में शामिल करवाया. जिन नेताओं को कुछ दिन पहले उन्होंने खुद सबसे भ्रष्टाचारी बोला. जिन नेताओं को अमित शाह जी ने भ्रष्टाचारी बोला. कुछ दिन बाद उन्हें बीजेपी में शामिल करवा लिया? क्या आपने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या इस प्रकार की राजनीति पर आपकी सहमति है?


3. बीजेपी RSS की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है कि ये देखना RSS की जिम्मेदारी है कि BJP पथभ्रष्ट न हो. क्या आप आज की बीजेपी के कदमों से सहमत हैं? क्या आपने कभी मोदी जी से ये सब न करने के लिए कहा?


4. चुनाव के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि BJP को RSS की जरूरत नहीं है. RSS बीजेपी की मां समान है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि मां को आंखें दिखाने लगा है? जिस बेटे को पाल पोसकर कर बड़ा किया, प्रधानमंत्री बनाया. आज वो अपनी मातातुल्य संस्था को आंखें दिखा रहा है. जब नड्डा जी ने ये कहा तो आपको दुख नहीं हुआ? क्या RSS के हर कार्यकर्ता को दुख नहीं हुआ?


5. RSS बीजेपी ने मिलकर ये कानून बनाया था कि 75 वर्ष का होने पर किसी भी व्यक्ति को रिटायर होना पड़ेगा. इस कानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे बहुत बड़े नेताओं को भी रिटायर कर दिया गया. अब अमित शाह जी कह रहे हैं कि वो रूल मोदी जी पर लागू नहीं होगा. क्या आप इससे सहमत हैं कि जो रूल आडवाणी जी पर लागू हुआ वो मोदी जी पर लागू नहीं होगा?


खुद बताया- क्यों छोड़ी सीएम की कुर्सी


अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी क्यों छोड़ दी. उन्होंने कहा, 'मैंने इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि मुझे सीएम की कुर्सी की भूख नहीं है. मुझे पैसे नहीं कमाने हैं. हम देश की राजनीती बदलने आए थे. मैं नेता नहीं हूं, मेरी मोटी चमड़ी नहीं है. भाजपा वाले जब मुझे चोर और भ्रष्टाचारी कहते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है, दुःख होता है. मैं आज इसलिए यहां आया हूं, क्योंकि मैं अंदर से पीड़ित और दुःखी हूं. थोड़े दिन में मुख्यमंत्री आवास भी छोड़ दूंगा. आज मेरे पास घर भी नहीं है, लेकिन लोगों का प्यार खूब मिला है. दिल्ली के कई लोगों का मैसेज आया कि आप मेरे घर में आकर रहो.'