तरुण गोगोई, राहुल गाँधी को अध्यक्ष पद से न हटने के अनुरोध को लेकर 3 दिन से दिल्ली में डटे हुए हैं. वह असम हाउस में ही ठहरे हुए हैं.
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नई दिल्ली: असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को गुरुवार दोपहर नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित असम हाउस में प्रेस वार्ता करने की इज़ाज़त नहीं मिली. इससे तिलमिलाए तरुण गोगोई ने असम हाउस से बाहर निकलकर फुटपाथ पर ही प्रेसमीट कर डाली. दरअसल तरुण गोगोई, राहुल गाँधी को अध्यक्ष पद से न हटने के अनुरोध को लेकर 3 दिन से दिल्ली में डटे हुए हैं. वह असम हाउस में ही ठहरे हुए हैं. गुरुवार दोपहर 2.30 बजे असम हाउस के अपने कमरें में उन्होंने सवांददाताओं को बुलाया था. लेकिन असम हाउस के कार्यालय ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. इस पर तिलमिलाए गोगोई ने असम हाउस के बाहर निकल कर फुटपाथ पर ही प्रेस वार्ता आयोजित कर डाली.
उन्होंने इसे असम सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया. वहीं असम कांग्रेस के प्रवक्ता ऋतुपर्ण कुंवर ने इसे पक्षतापूर्ण और असंवैधानिक वर्ताव बताते हुए असम की सोनोवाल सरकार की भर्त्सना की. साथ ही कहा है कि ये साबित करता है कि तरुण गोगोई से सोनोवाल सरकार खौफ़ खाती है.
असम में 2001 से 2016 मई तक लगातार 15 सालों तक कांग्रेस की सरकार रही है. इस दौरान तरुण गोगोई मुख्यमंत्री रहे. तरुण गोगोई 15 साल के अपने शासन में लगातार दिसपुर में मीडिया को संबोधित करते रहे. इस बीच 2016 बीजेपी सत्ता में आ गई, लेकिन तरुण गोगोई अपने आवास पर हर हफ्ते दिसपुर के अब भी सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत करते रहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री की इस बात पर असम सरकार के मंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा कह चुके हैं, 'शायद तरुण गोगोई अभी तक नहीं भूल पाए हैं कि अब वह पूर्व मुख्यमंत्री हो गए हैं.'