प्राइवेट न्यूज चैनलों की लोकप्रियता पर नजर रखने वाली ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने एक निजी कम्युनिकेशन को लीक किए जाने पर आपत्ति जताई है. BARC ने कहा कि उसने रिपब्लिक नेटवर्क के साथ हुए एक निजी कम्युनिकेशन का जवाब दिया था.
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नई दिल्ली: प्राइवेट न्यूज चैनलों की लोकप्रियता पर नजर रखने वाली ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने एक निजी कम्युनिकेशन को लीक किए जाने पर आपत्ति जताई है. BARC ने कहा कि उसने रिपब्लिक नेटवर्क के साथ हुए एक निजी कम्युनिकेशन का जवाब दिया था. जिसे लीक कर दिया गया.
TRP घोटाले की जांच पर पूरा भरोसा: BARC
BARC ने कहा कि TRP घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस पर उसे पूरा भरोसा है और वह इस इन्वेस्टिगेशन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती. संस्था ने कहा कि वह कानून लागू करने वाली एजेंसियों को जांच के संबंध में सभी जरूरी सहयोग देगी.
निजी ईमेल का दिया था जवाब
BARC ने कहा कि TRP के मामले में चल रही मौजूदा जांच ने रिपब्लिक नेटवर्क ने उसके साथ एक निजी पत्राचार किया था. जिसके जवाब में संस्था ने भी उसे ईमेल किया. इस जवाब को रिपब्लिक नेटवर्क ने गलत तथ्यों के साथ प्रकाशित किया है. जिस पर संस्था निराशा जाहिर करती है.
मौजूदा जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की
BARC ने कहा कि उसने TRP घोटाले पर चल रही मौजूदा जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की थी और ऐसा करना संस्था के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं है. संस्था ने कहा कि निजी ईमेल को गलत मंशा से लीक किए जाने पर BARC गहरा खेद व्यक्त करती है.
रिपब्लिक नेटवर्क के सीईओ ने 16 अक्टूबर को लिखा था पत्र
बता दें कि रिपब्लिक नेटवर्क के सीईओ विकास खनचंदानी ने 16 अक्टूबर को BARC को एक ईमेल लिखकर आग्रह किया था कि वह इस बात को कंफर्म करे कि संस्था की विजिलेंस टीम को उसके खिलाफ जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली थी. रिपब्लिक नेटवर्क का दावा है कि BARC ने 17 अक्टूबर को उसे जवाबी ईमेल किया.
BARC के ईमेल पर रिपब्लिक नेटवर्क का दावा
रिपब्लिक ने दावा किया कि यदि रिपब्लिक नेटवर्क के खिलाफ कोई गड़बड़ी मिली होती तो वह उसी वक्त जांच करके चैनल को इस बारे में अवगत कराती. रिपब्लिक का दावा किया कि BARC के ईमेल से स्पष्ट है कि उसके खिलाफ गड़बड़ी का कोई मामला नहीं मिला था और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने निजी खुन्नस निकालने के लिए ये फर्जी मामला खड़ा किया.
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