Cyclone Tauktae Rescue: `बार्ज P-305` जहाज से नौसेना को मिले 26 शव, अब भी 61 लोग लापता, 186 को बचाया
Barge P305 Rescue Update: नौसेना ने अभी तक जहाज में फंसी 186 जिंदगियों को बचा लिया है. जबकि जहाज से 26 लोगों के शव भी बरामद हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है और अन्य 61 लोगों की तलाश की जा रही है.
मुंबई: अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान ताउ-ते (Cyclone Tauktae) के बाद समुद्र में फंसे बार्ज P-305 जहाज का रेस्क्यू मिशन अभी भी जारी है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने जहाज में फंसे 273 लोगों में से 186 को सुरक्षित बचा लिया है, जबकि अब तक 26 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. वहीं 61 लोग अभी भी लापता हैं.
'हमने अब तक उम्मीद नहीं छोड़ी है'
नौसेना के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि बजरा जहाज चक्रवात के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर समुद्र में फंस गया था और फिर डूब गया. तभी से मौसम बेहद खराब है, लेकिन इसके बाद जवानों ने बजरे P-305 पर मौजूद 273 लोगों में से 186 लोगों को बचा लिया है. इसमें से दो लोगों को 'ठगबोट' वारप्रदा से बचाया गया है. उन्होंने कहा कि तलाश एवं बचाव अभियान अभी जारी है, और लोगों को तट तक सुरक्षित लाने की उम्मीद हमने अब तक नहीं छोड़ी है. हालांकि लोगों के सुरक्षित मिलने की उम्मीद समय बीतने के साथ कम होती जा रही है.
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हेलीकॉप्टरों की मदद से चलाया जा रहा अभियान
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य बजरों तथा एक ऑयल रिग पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं. अधिकारियों ने बताया कि बजरे एसएस-3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं. ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के जरिए इन्हें तट तक सुरक्षित लाया जा रहा है. बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है. इसके अलावा आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से तलाश एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
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'4 दशक का सबसे चुनौतीपूर्ण तलाशी अभियान'
नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 707 कर्मियों के साथ 3 बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे. इनमें 273 लोगों के साथ 'पी305' बजरा, 137 कर्मियों के साथ 'जीएएल कंस्ट्रक्टर' और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे. साथ ही 'सागर भूषण' ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे. नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि यह बीते 4 दशक में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण तलाश एवं बचाव अभियान है.
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