आमतौर जून के दूसरे हफ्ते में मॉनसून के बादल महाराष्ट्र में बरसते हैं, लेकिन अब की बार मॉनसून में देरी का अंदेशा है.
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नई दिल्ली : सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए अब राज्य सरकार ने आर्टिफिशियल बारिश करने का फैसला लिया है. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में आज यह बडा फैसला लिया गया है. महाराष्ट्र में भयंकर सूखे की स्थिति है. यह सूख 1992 के सूखे से खतरनाक है. इसे देखते हुए आज महाराष्ट्र की कैबिनेट में यह फैसला लिया गया. इससे पहले 2015 में महाराष्ट्र सरकार आर्टिफिशियल रेन का प्रयोग कर चुकी है.
आमतौर जून के दूसरे हफ्ते में मॉनसून के बादल महाराष्ट्र में बरसते हैं, लेकिन अब की बार मॉनसून में देरी का अंदेशा है. इसके चलते सूखे की मार झेल रहे राज्य सरकार ने आर्टिफिशियल क्लाउड सीडिंग के लिए मान्यता दे दी है. हालात को देखते हुए यह आर्टिफिशियल क्लाउड सीडिंग का फैसला लिया जाएगा.
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ में सूखे की स्थिति भयानक है. यहां पर आर्टिफिशियल क्लाउड सीडिंग करने के फैसला लिया जाएगा. अगर मॉनसून के शुरुआती दिनों में आर्टिफिशियल क्लाउड सीडिंग होती है तो उसका अच्छा असर देखा जा सकता है. ऐसा एक्सपर्ट का कहना है. इसके चलते जुलाई या फिर अगस्त महीने के शुरुआती दिनों में यह क्लाऊड सीडिंग हो सकती है.
2015 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने क्लाऊड सीडिंग की थी. हालांकि उसका उतना कारगर असर नहीं हुआ था. एक्सपर्ट का कहना है कि मॉनसून बीतने के दिनों में यह आर्टिफिशियल क्लाउड सीडिंग की गई थी, जिसके कारण इसका जादा असर नहीं हुआ. अबकी बार आर्टिफिशियल क्लाउड सीडिंग के लिए राज्य सरकार अब ग्लोबल टेंडर मंगाएगी.