Bihar Hooch Tragedy: जहरीली शराब से हुई मौतों पर मंत्री के बिगड़े बोल, कहा- कानून है फिर भी होते हैं मर्डर
Chapra Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब से अबतक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि स्थानीय लोगों का ये दावा है कि 50 से ज्यादा की मौत हुई है. इस घटनाक्रम को लेकर अब प्रदेश के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार के बयान पर बवाल मच गया है.
Bihar Chapra hooch tragedy: बिहार (Bihar) में जहरीली शराब (Poisonus Liquor) से हो रही मौतों का सिलसिला थमा नहीं है. विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है तो सत्ता पक्ष सफाई देने के साथ विपक्ष पर भी निशाना साध रहा है. इसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच इन मौतों को लेकर बिहार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने बेहद अटपटा बयान दिया है.
देश में मौजूद हैं कड़े कानून फिर भी...
इस मामले पर सरकार बुरी तरह से घिर रही है. जिसके बाद मंत्री सुनील कुमार ने सफाई दी और साथ ही साथ विपक्ष के सवालों का जवाब भी दिया है. उन्होंने कहा, 'अन्य राज्यों में भी जहरीली शराब से मौते होती हैं. देश में काफी सख्त कानून हैं. इसके बावजूद अभी तक हत्याएं और चोरी हो रही हैं.' हालांकि मंत्री सुनील कुमार ने दोहराया कि बिहार में शराबबंदी नाकाम नहीं है. इसी बयान पर विपक्ष उन्हें घेर रहा है.
अंतिम संस्कार का दबाव बना रही पुलिस
जहरीली शराब से अबतक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है है कि मृतकों की जांच पड़ताल किए बिना ही शवों के अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
जिम्मेदार लोगों पर गिरी गाज
शराबबंदी के बावजूद शराब से हुई मौत के बाद डीएम ने की बड़ी कार्यवाही की है. इस बीच कुछ लोगों को सस्पेंड तो कुछ लोगों के तबादले की खबर आई है.
नाकाम हुए नीतीश: बीजेपी
बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरीके से मृतकों की संख्या बढ़ रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. नितिन नवीन ने कहा, 'इन मौतों के लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. हम लोगों ने शराब बंदी कानून की समीक्षा करने की बात हमेशा कही. लेकिन वह हैं कि मानते नहीं. जब हम लोग सरकार में थे तब हमने भी यही बात कही थी. शराबबंदी कानून को उनके पुलिसकर्मी और अफसर ही सफल नहीं होने दे रहे हैं. गृह मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी नीतीश कुमार की है ऐसे में अगर उनकी बात डीएम और एसपी नहीं मान रहे तो साफ है कि वो विफल हो गए हैं.'
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