अगर कुल आंकड़ों पर नजर डालें तो केवल जुलाई माह में अब तक कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है, जिनका इलाज बक्सर सदर अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में चल रहा है.
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रवि मिश्रा, बक्सर: एक तरफ जहां आधा बिहार बाढ़ की तबाही को झेल रहा है वहीं, बक्सर में लगातार कुपोषित बच्चों की बढ़ रही संख्या से प्रशासन के होश उड़ गए हैं. सबसे पहले बक्सर जिले के नवानगर प्रखंड से 5 बच्चों के कुपोषण के शिकार होने की खबर आने के बाद जब जांच की गई तो आंकड़े चौकाने वाले सामने आए.
दरअसल चिकित्सकों के मुताबिक कई और बच्चे कुपोषण के शिकार मिले हैं. यानी कि अगर कुल आंकड़ों पर नजर डालें तो केवल जुलाई माह में अब तक कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है, जिनका इलाज बक्सर सदर अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में चल रहा है.
जाहिर है 15 दिनों में 36 बच्चों के कुपोषण के शिकार पाए जाने के कारण स्वास्थ्य महकमे की चिंता भी काफी बढ़ गई है. जब पीड़ित बच्चों के परिजनों से बात की गई तो उन्होंने भी बताया कि आंगनबाडी केन्द्रों में सही पोषाहार नहीं मिलने के कारण भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसा नहीं है कि बक्सर का स्वास्थ्य महकमा इन सभी बातों से अनजान है, बल्कि शुरुआती दौर से ही मामले को दबाने की कोशिश की गई. लेकिन जब मामला मीडिया की नजर में आया तो सारा सच सामने आ गया. इन बच्चों के कुपोषित होने का कारण चिकित्सक भी आंगनबाड़ी केंद्रों के सर ठीकरा फोड़ रहे हैं.
बक्सर में अबतक 36 बच्चों के कुपोषित होने का मामला तो अभी शुरुआत मात्र भर है. सूत्रों का कहना है कि कि अगर ग्रामीण इलाकों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाए तो यह आंकड़ें और भी बढ़ सकते हैं.