जुलाई में भारी बारिश के बावजूद सभी तटबंध सुरक्षित: संजय झा
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जुलाई में भारी बारिश के बावजूद सभी तटबंध सुरक्षित: संजय झा

संजय झा ने कहा कि, जल संसाधन विभाग की टीमें अलर्ट पर हैं. सभी तटबंधों की निरंतर निगरानी की जा रही हैं.

जुलाई में भारी बारिश के बावजूद सभी तटबंध सुरक्षित: संजय झा.

पटना: बिहार इस समय बाढ़ से कराह रहा है. जबकि नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जानकारी के अनुसार, महानंदा नदी का अधिकतम जलस्तर 21 जुलाई को 64.94 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 0.94 मीटर ऊपर था.

इसी तरह कमला बलान नदी का अधिकतम जलस्तर 13 जुलाई 2020 को झंझारपुर रेल पुल पर 52.75 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 2.75 मीटर ऊपर था. बागमती नदी का जलस्तर ढेंग ब्रिज स्थल पर 11 जुलाई को 71.64 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.54 मीटर ऊपर था.

पहले 9 से 11 जुलाई और फिर 20-21 जुलाई को हुई अत्यधिक वर्षा एवं जलश्राव के कारण गंडक, बागमती, कमला एवं कोसी नदी के तटबंधों पर पानी का दबाव बढ़ जाने के कारण, कई जगहों पर तटबंधों में सीपेज/ पाइपिंग की घटना हुई, जिसे विभागीय अभियंताओं ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर दुरुस्त कर लिया. जल संसाधन विभाग, बिहार के अंतर्गत मुख्य नदियों पर अवस्थित कुल 3,790 किमी तटबंधों को सुरक्षित रखा गया है.

वहीं, मंत्री संजय झा ने कहा कि, जल संसाधन विभाग की टीमें अलर्ट पर हैं. सभी तटबंधों की निरंतर निगरानी की जा रही हैं. बाढ़ से सुरक्षा के कार्यों में जनसहभागिता के लिए विभाग ने टॉल फ्री नंबर 18003456145 जारी की थी. इसके अलावा विभाग को ट्विटर पर विशेष हैशटैग #HelloWRD के साथ भी सूचनाएं मिलीं. इन सूचनाओं पर विभागीय अधिकारियों और नवगठित 'केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कोषांग सह सहायता केंद्र' द्वारा त्वरित कार्रवाई कराई गई.

झा ने कहा कि, विभाग इस वर्ष मॉल्यूल स्टडीज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए आगामी वर्षापात/ जलप्रवाह का पूर्वानुमान तीन दिन पूर्व ही, प्राप्त कर रहा है, जिसके आधार पर क्षेत्रीय अभियंताओं और जिला प्रशासन को ससमय एलर्ट किया गया है.

मंत्री ने कहा कि, बाढ़ से पहले कमला बलान, महानंदा आदि नदियों के तटबंधों का ड्रोन से सर्वे कराया गया. कमला बलान तटबंध पर गत वर्ष हुई टूट को पुनर्स्थापित करते हुए बिहार में पहली बार तटबंध में शीट पाईल का अधिष्ठापन किया गया, जिससे तटबंध को अतिरिक्त मजबूती मिली है.