अंजलि किसी भी भारतीय मिशन में विदेश में तैनात होने वाली पहली महिला विंग कमांडर बनी है. उनकी इस उपलब्धि से पूरा परिवार गौरवान्वित है.
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संजीव नैपुरी, समस्तीपुर : बिहार के समस्तीपुर की बेटी ने इतिहास रच दिया है. अंजलि भारतीय मिशन के तहत विदेश में तैनात होने वाली पहली महिला विंग कमांडर (Wing Commander) बनी हैं. अंजलि ने इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकम्यूनिकेशन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद उनकी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में नौकरी लग गई. वह अपने पिता से प्रेरित होकर एसएसबी की परीक्षा पास की और उन्होंने एयरफोर्स ज्वॉइन किया.
अंजलि के पिता मदन प्रसाद सिंह भी एयरफोर्स में बतौर फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर देश की सेवा कर चुके हैं. किसी भी भारतीय मिशन में विदेश में तैनात होने वाली वह पहली महिला विंग कमांडर बनी है. उनकी इस उपलब्धि से पूरा परिवार गौरवान्वित है.
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वारिसनगर प्रखंड के मकसूदपुर की रहने वाली अंजलि ने न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है. परिवार के साथ- साथ उनके पैतृक गांव में खुशी का महौल है. अंजलि सिंह ने देश के सैन्य इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है. चाचा जनार्दन प्रसाद सिंह बताते हैं कि अंजलि बचपन से प्रतिभावान रही है. कुछ नया करने का जज्बा बचपन से ही उनके अंदर था.
अंजलि की मेहनत देखकर गांव की बाकी लड़कियां भी प्रभावित हो रही हैं. उनका कहना है कि वह भी पढ़ लिखकर अपने देश के लिए और अपने माता- पिता के लिए कुछ करना चाहती हैं. अंजलि उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा बन रही हैं जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं. आज अंजलि के दोस्त भी बड़े गर्व से कहते हैं कि वह उनकी दोस्त है.
-- Adesh Singh Rathore, News Desk