झारखंड : ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली से लाभुक के साथ-साथ डीलर भी परेशान
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झारखंड : ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली से लाभुक के साथ-साथ डीलर भी परेशान

प्रखंड के करायकेला इलाके के ग्रामीण पीओएस मशीन से राशन वितरण की नयी प्रणाली से परेशान हैं. तकनीक तो यहां दे दी गयी, लेकिन नेटवर्क का कोई ठिकाना नहीं. नेटवर्क मिला तो ठीक, नहीं तो ग्रामीणों को सरकारी राशन दूकान का चक्कर काटते रहना पड़ता है.

पीओएस मशीन से लाभुक और डीलर दोनों परेशान.

चाईबासा : डिजिटल भारत से पारदर्शी सरकार और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की कवायद में सरकार जुटी है, लेकिन झारखंड सरकार के लिए राशन दूकान को ऑनलाइन करने का फैसला ग्रामीणों के लिए मुश्किल का सबब बन गया है. खासकर पिछड़े ग्रामीण इलाकों में पीओएस मशीन से राशन लेने के लिए ग्रामीणों को नयी तकनीक से जंग लड़ना पड़ रहा है.

कुछ ऐसा ही हाल पश्चिम सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड का है. प्रखंड के करायकेला इलाके के ग्रामीण पीओएस मशीन से राशन वितरण की नयी प्रणाली से परेशान हैं. तकनीक तो यहां दे दी गयी, लेकिन नेटवर्क का कोई ठिकाना नहीं. नेटवर्क मिला तो ठीक, नहीं तो ग्रामीणों को सरकारी राशन दूकान का चक्कर काटते रहना पड़ता है.

नेटवर्क अगर आ भी जाए तो कई बार ऐसा भी होता है की इनके अंगूठे का निशान पीओएस मशीन नहीं लेता. भला मशीन तो मशीन ठहरा. मेहनत मजदूरी करने वालों के अंगूठे के निशान को पीओएस मशीन पढ़ नहीं पाता. नतीजा बिना राशन बेरंग वापस घर लौटना पड़ता है.

करायकेला के ग्रामीणों ने बताया कि बंदगांव प्रखंड में 81 राशन दूकान हैं. उनमें से 75 राशन की दुकानों को सरकार ने ऑफलाइन कर दिया है. यानी कि पीओएस मशीन के बगैर पहले की तरह वहां राशन वितरण का काम चल रहा है, लेकिन छह राशन की दुकान में अब भी ऑनलाइन व्यवस्था के जरिये पीओएस मशीन से लाभुक को राशन देने की प्रक्रिया चल रही है. ग्रामीणों का कहना है की बगल में ऑफलाइन से सब राशन ले रहे हैं और हमें ऑनलाइन कर राशन नहीं मिल रहा. यह कैसी व्यवस्था है.

ग्रामीणों की इस समस्या से चक्रधरपुर के विधायक भी परेशान है. ग्रामीण आए दिन ऑनलाइन प्रणाली के कारण राशन नहीं मिलने की शिकायत करते रहते हैं. इस समस्या को लेकर चक्रधरपुर के विधायक शशिभूषण सामड ने खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय से भी बात की थी, लेकिन इसका हल अब तक नहीं निकला है. ग्रामीणों का गुस्सा विधायक के साथ-साथ राशन डीलर पर भी फूट रहा है.

राशन डीलर का कहना है की ग्रामीण उन पर राशन की कालाबाजारी कर राशन नहीं देने का आरोप लगाते हैं. कई बार राशन की दूकान में मारपीट की नौबत आ जाती है. पीओएस मशीन से पिछड़े गांव में लाभुक और डीलर दोनों परेशान हैं.

जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि इस समस्या पर उनकी पूरी नजर है. जहां से भी ऐसी शिकायत मिल रही है उस राशन दुकान की जांच कर उसे ऑफलाइन किया जा रहा है. उन्होंने बताया की करायकेला की ऑनलाइन सरकारी दुकानों की क्रियान्वयन की स्थिति की जांच कर बहुत जल्द इसे ऑफलाइन कर दी जाएगी, जिससे सभी ग्रामीणों को राशन का लाभ समय से मिल सके.