अपराधियों को सजा देने के मामले में बिहार में पहले नंबर पर पहुंचा बेतिया जिला
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar562491

अपराधियों को सजा देने के मामले में बिहार में पहले नंबर पर पहुंचा बेतिया जिला

आंकड़े बताते हैं कि जिले में मादक पदार्थों के तस्कर हो या कुख्यात अपराधी, सभी को सजा दी गई है.

अपराधियों को सजा देने के मामले में बिहार में पहले नंबर पर पहुंचा बेतिया जिला

बेतिया(संवाददाता, धनंजय द्विवेदी) : अपराधियों को सजा दिए जाने के मामले में बेतिया राज्य में नंबर एक पर पहुंच गया है. पटना, भागलपुर को पीछे करते हुए यहां के जिला प्रशासन और न्यायालय ने अपरिधियो को सलाखों के पीछे सजा काटने पर मजबूर कर दिया है.

आंकड़े बताते हैं कि जिले में मादक पदार्थों के तस्कर हो या कुख्यात अपराधी, सभी को सजा दी गई है. बेतिया कोर्ट से अभी तक 577 अपराधियों को जो विभिन्न मामलों में अभियुक्त थे उन्हें सजा मिल चूकी है. 

इनमें NDPS एक्ट में 15 महिलाओं सहित 85 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है. जिसमें एक करोड़ पंद्रह लाख का जुर्माना भी वसूला गया है. चरस तस्करों में कुख्यात अशरफ अली, बब्लू हजाम, विनय शर्मा, छोटू राम, मोइउद्दीन अंसारी समेत महिला चरस तस्कर हसबुल खातुन, हदिशल खातुन, परमिला देवी, मीना देवी आदि चरस तस्करों को 10 से 15 साल तक की सजा हुई है. 

यह आंकड़े 2017 से 2019 मार्च तक की है, जहां पर चरस तस्करों को जिला प्रशासन और न्यायालय के आपसी सहयोग से सजा दिलाई गई है. जिससे समाज में चरस तस्करी, गांजा तस्करी, हिरोइन तस्करी व अन्य मादक तस्करी करने वालों के बीच कानून का भय और गलत कार्य ना करने का संदेश भी गया है, इन सजाओं को देखते हुए मादक तस्करी की संख्या में जिले में कमी आई है. 

इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार ने बताया कि जिला जज, जिला पदाधिकारी व बेतिया एसपी के सहयोग से 85 लोगो को सजा हुई है और 1 करोड़ 15 लाख रुपये जुर्माना वसूल हुई है. उन्होंने कहा कि इन सजाओं ने समाज में ये मैसेज दिया है कि ड्रग माफिया अब नही बचेंगे.

बेतिया जो कभी मिनी चंबल के नाम से जाना जाता था, वहां 492 कुख्यात अपराधियों को सजा सुनाई गई है, जिसमें 200 से अधिक अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. आर्मस एक्ट में 16 अभियुक्तों को पंद्रह पंद्रह साल की सजा सुनाई गई है.

विरझन यादव, बैद्यनाथ यादव, योगेंद्र चौधरी, हरि यादव, दिनेश यादव, जंग बहादूर यादव आदि कुख्यतों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.