Chaitra Navratri 2023: आज चैत्र नवरात्र का पहला दिन है. आज मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है. सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है भक्त माँ का दर्शन पूजन कर रहे हैं.
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लखीसराय: Chaitra Navratri 2023: आज चैत्र नवरात्र का पहला दिन है. आज मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है. सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है भक्त माँ का दर्शन पूजन कर रहे हैं. वहीं जिले के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां बाला त्रिपुर सुंदरी जगदम्बा मंदिर में सुबह चार बजे मन्दिर का कपाट भक्तों के लिए खोल दिया गया. सुबह 5 बजे मां का भव्य आरती हुआ. जिसके बाद दूर दूर से आये श्रद्धालु माँ का दर्शन पूजन कर रहे हैं व माँ का जयकारे लगा रहे हैं.
मां जगदंबा के मंदिर में भक्तों की भीड़
मन्दिर के मुख्य पुजारी विनय कुमार झा ने बताया कि आज चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस है. आज मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जा रही है. सुबह मन्दिर का कपाट भक्तों के लिए खोल दिया गया. दूर दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है मां का दर्शन कर मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती है. आपको बता दें कि कश्मीर की मां वैष्णो देवी के संस्थापक भक्त शिरोमणि श्रीधर ओझा द्वारा अपने पैतृक ग्राम बड़हिया में जनकल्याण के लिए स्थापित सिद्ध मंगलापीठ मां बाला त्रिपुरसुन्दरी मंदिर की स्थापना की गई है.
विष भी हो जाता है अमृत
मंदिर के प्रधान पूजारी की मानें तो मां जगदम्बा के इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बड़े से बड़े विषधर सांप का विष, यहां विष ना होकर अमृत बन जाता है. मां जगदम्बा के प्रांगण की यही सबसे बड़ी विशेषता है. अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी विषधर सांप ने काटा है तो लोग तुरंत यहां पहुंचते है. यहां पहुचने के बाद व्यक्ति के शरीर में फैला सारा विष ख़त्म हो जाता है. यहां के मुख्य पुजारी और श्रद्धालुओं की माने तो आज तक किसी भी व्यक्ति की मृत्यु यहां पहुंचने के बाद सांप काटने के कारण नहीं हुई.
इनपुट- राज किशोर मधुकर