सुपौल-अररिया नई रेलवे लाइन निर्माण में अनियमितता आई सामने, ग्रामीणों ने उठाई जांच की मांग
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सुपौल-अररिया नई रेलवे लाइन निर्माण में अनियमितता आई सामने, ग्रामीणों ने उठाई जांच की मांग

सुपौल-अररिया नई रेलवे लाइन निर्माण में हर स्तर पर अनियमिताएं सामने आ रही हैं. कहीं जमीन अधिग्रहण में उचित मुआवजा नही देने का आरोप लगाया जा रहा है तो कहीं निर्माण कार्य में मनमानी करने की शिकायत की जा रही है. इसको लेकर संबंधित लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.

 (फाइल फोटो)

Supaul: सुपौल-अररिया नई रेलवे लाइन निर्माण में हर स्तर पर अनियमिताएं सामने आ रही हैं. कहीं जमीन अधिग्रहण में उचित मुआवजा नही देने का आरोप लगाया जा रहा है तो कहीं निर्माण कार्य में मनमानी करने की शिकायत की जा रही है. इसको लेकर संबंधित लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. इसी कड़ी में शनिवार को सुपौल-अररिया नई रेल लाईन में पिपरा प्रखंड अंतर्गत थुमहा में बन रहे नए रेलवे स्टेशन निर्माण स्थल कटैया में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि सहित ग्रामीणों ने मिट्‌टी भराई कार्य में लगे कंपनी पर अवैध रूप से मिट्‌टी बेचने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. 

लगातार हो रही है शिकायत

प्रदर्शन कर रहे लेकर रेलवे के सीनियर ग्रामीणों ने रेलवे के डीईएन समस्तीपुर के नाम आवेदन भी दिया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने बताया कि सुपौल-अररिया नई रेलवे लाइन पर जेडब्ल्यू कंपनी नई रेलवे स्टेशन थुमहा में मिट्‌टी भराई का कार्य कर रही है. नियम के अनुसार कंपनी को मिट्‌टी बाहर से लाकर भरना है. लेकिन कंपनी द्वारा स्टेशन की जमीन से 02 मीटर की गहराई में जेसीबी से मिट्‌टी काट कर अवैध रूप से बाहर बेच रही है. साथ ही रेलवे बेड पर भी डाल रही है इसलिए मामले का सर्वेक्षण दोषी कंपनी पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

सुपौल-अररिया नई रेल लाइन में जमीन अधिग्रहण में भी दर्जनों रैयतों ने जेई एवं अमीन पर जमीन और मकान का गलत रिपोर्ट करने की डीएम से शिकायत की है. इसको लेकर पिपरा प्रखंड अंतर्गत कटैयामाहे पंचायत के कटैया मिलिक निवासी मो फजलुर रहमान ने बताया कि उनका जमीन एवं मकान सुपौल-अररिया नई रेलवे लाईन निर्माण के लिए किए गए अधिग्रहण में चलाया गया है. जिसका उचित मुआवजा करीब दो वर्ष बीत जाने के बाद भी नही दिया गया है. इसके लिए दर्जनों बार जिला भू-अर्जन कार्यालय में आवेदन दिया गया. इसके बाद अंतिम उम्मीद के साथ डीएम को आवेदन दिया है. 

उन्होंने बताया कि करीब 55 डिसमिल जमीन अधिग्रहित किया गया है. वर्ष 2014 में निर्मित मकान का मुआवजा भी आंशिक प्राप्त हुआ है. सर्वे से जुड़े जेई एवं अमीन द्वारा भारी पैमाने पर अनियमितता बरती गई है. हमारे आस-पास में जर्जर मकान का मुआवजा नवनिर्मित मकान के रूप में दिया गया है. जबकि मेरे नवनिर्मित मकान का मुआवजा जर्जर मकान के बराबर भी नही दिया गया है इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित मुआवजा दिलाई जाए.

इसको लेकर पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी बीरेन्द्र कुमार ने कहा कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया से जुड़े मामले में स्थानीय प्रशासन ही कुछ बता सकते हैं. जहां तब बात स्टेशन निर्माण में लगी कंपनी द्वारा अवैध रूप से मिट्‌टी बेचने का मामला है तो इसकी जांच कराई जाएगी. 

 

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