Jamui News: भूमाफियाओं के चंगुल में फंसा NRI, 1 करोड़ 26 लाख रुपए की हुई ठगी, जानिए मामला
Jamui News: प्रशांत ने अंचलाधिकारी कार्यालय, जमुई और रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन के कागजात को चेक कराया. सभी ने उस कागजात को और जमीन को सही ठहराया. किसी भी कार्यालय में प्रशांत को यह नहीं बताया गया कि इस जमीन पर स्टे लगा हुआ है.
Jamui News: जमुई में दादा-दादी की याद में गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार में अस्पताल खोलने आए एक एनआरआई (NRI) के साथ धोखा हो गया. एनआरआई प्राशंत भदौरिया इस आस के बिहार आए थे कि वह बिहार में अस्पताल खोलकर स्वास्थ्य व्यवस्था से मरहूम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराएगा. गरीब लोगों को चैरिटेबल अस्पताल के जरिए मुफ्त में इलाज कराएगा, लेकिन उसके साथ जो हुआ उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इस एनआरआई के साथ कुछ ऐसा हुआ कि वो वापस अमेरिका जाने के लिए अक्टूबर महीने से जमुई में डेरा डाले बैठा था. वह किसी तरह 21 दिसंबर, 2023 दिन गुरुवार को सपरिवार अमेरिका के लिए कूच कर गए.
दरअसल, अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना के रहने वाले एनआरआई प्रशांत भदौरिया के साथ एक बड़ा धोखा हो गया, उसके एक करोड़ से भी अधिक रुपए एक ऐसी जगह फंस गए. जहां से पैसा निकालने के लिए वो अधिकारियों के दफ्तर-दफ्तर चक्कर काट रहे हैं. एनआरआई का पूरा परिवार पिछले अक्टूबर महीने से जमुई में ही फंसा हुआ था. यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना के रहने वाले एनआरआई प्रशांत भदौरिया जमुई के रतनपुर गांव के मूल निवासी हैं. इनकी शादी भी जमुई के ही एक संभ्रांत परिवार में हुई है. प्रशांत जमुई में अपने दादा-दादी की याद में चैरिटेबल अस्पताल खोलना चाहते थे, ताकि गरीब इलाके के लोगों को बेहतर और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. इसके लिए वह जमुई जिले के सुग्गी गांव में एक जमीन खरीद को लेकर बात प्रारंभ की. यहीं से प्रारंभ हुआ एनआरआई के साथ खेल.
भू-माफिया को इस बात की जानकारी कहीं से हुई. भू-माफिया के सदस्यों ने एनआरआई से संपर्क साधा और सुग्गी गांव में क प्लॉट दिखाया, जिसकी कीमत दो करोड़ 60 लाख बतायी गई. जमीन के कागजात भी प्रशांत को उपलब्ध करा दिया गया. लेकिन भू-माफिया ने जिस जमीन के कागजात प्रशांत को उपलब्ध कराया वो कागजात फर्जी थी और जमीन पर हाईकोर्ट और जिला प्रशासन ने बिक्री पर रोक लगा रखी थी. लेकिन इस बात की जानकारी प्रशांत को प्रारंभ में किसी ने नहीं दी. प्रशांत अक्टूबर महीने से ही जमुई में जमीन की रजिस्ट्री के लिए डेला डाल रखा है. भू-माफिया 26 कट्ठा जमीन के लिए करीब एक करोड़ 25 लाख रुपये अग्रिम ले लेने के बाद भी दिसंबर महीने तक टालमटोल करता रहा. तब प्रशांत को भू-माफिया पर शक हुआ.
प्रशांत ने अंचलाधिकारी कार्यालय, जमुई और रजिस्ट्रार कार्यालय जमुई में जमीन के कागजात को चेक कराया तो सभी ने उस कागजात को और जमीन को सही ठहराया. किसी भी कार्यालय में प्रशांत को यह नहीं बताया गया कि इस जमीन पर स्टे लगा हुआ है. हद तो तब हो गई जब रजिस्ट्री कार्यालय से स्टे लगे जमीन की जरिस्ट्री के लिए मेमो भी काट दिया गया. जिस जमीन की बिक्री पर रोक लगी हो उस जमीन की रजिस्ट्री के लिए मेमो नहीं कट सकता. तभी प्रशांत को किसी सूत्र से इस बात की जानकारी हुई कि वो गलत जगह फंस गया है वो वैसी जमीन की खरीद के एक करोड़ 25 लाख रुपये अग्रिम दे चुका है जिस जमीन की खरीद पर रोक लगी है. इसके बाद प्रशांत अधिकारियों के दफ्तर-दफ्तर चक्कर लगाना प्रारंभ किया और न्याय की गुहार लगायी, लेकिन अभी तक प्रशांत को अग्रिम दी गई रकम तो वापस नहीं हो सकी है लेकिन उन्हें प्रशासन से आश्वसान जरुर मिला है.
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प्रशांत भदौरिया ने जी मीडिया को इस घटना के बारे में पूरे विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि उनका जो सपना था वो बिहार में चकनाचूर हो गया. उन्होंने कहा कि बिहार आकर इतना बड़ा सदमा लगा जिसकी कल्पना नहीं थी. उन्होंने कहा कि अब कभी सोच भी नहीं सकते कि कभी बिहार आकर कुछ निवेश करें. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जिस तरह उद्यमियों और पूंजीपतियों को यहां निवेश करने का न्योता दे रही है वो कहीं से सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में भू-माफिया और सरकारी पदाधिकारियों का एक गिरोह काम कर रहा है जो इस तरह के फ्रॉड के कार्यों को अंजाम देता है.
इतना होने के बावजूद प्रशांत को सरकारी व्यवस्था पर भरोसा है और उसे उम्मीद है कि उनका पैसा वापस मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि पांच लोगों के गिरोह ने उसके साथ मिलकर फ्रॉड किया. उन्होंने कहा कि विदेश वापस लौटने पर वो इसकी सूचना विदेश मंत्रालय को भी देंगे. एनआरआई प्रशांत के साथ हुए फ्रॉड को लेकर मुख्यालय डीएसपी अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि आवेदन प्राप्त हुआ है पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जांचोपरांत जो भी व्यक्ति इसमें दोशी पाए जाएंगे उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं जब इस मामले को लेकर जब जमुई निबंधन कार्यालय के अवर निबंधक रेणु देवी अपनी गलती मानने से की उल्टे मीडिया पर ही भड़क उठी. अवर निबंधक गेणु देवी कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया.जमुई के निबंधन कार्यालय का यह कोई पहला मामला नहीं है. दलालों से घिरे निबंधन कार्यालय में आए दिन इस तरह के कारनामे देखने को मिलते रहते हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि जमुई जिला प्रशासन प्रशांत द्वारा जमीन के लिए अग्रिम दी गई राशि को वापस दिला पाती है या नहीं या फिर जिला प्रशासन इस तरह के जालसाजों पर क्या कार्रवाई करती है.
रिपोर्ट: अभिषेक निराला