2017 में जब योगी ने यूपी की कमान संभाली तो उन्होंने अपराध के प्रति जीरो-टालरेंस की नीति अपनाने का वादा किया. पुलिस को खुली छूट तो यूपी पुलिस की बंदूकें आग उगलने लगीं.
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Yogi Model in Bihar: बिहार के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की ताजपोशी के वक्त पार्टी की ओर से एक पोस्टर लगाया था, जिसमें योगी मॉडल का जिक्र किया गया था. रामनवमी पर हुए दंगों के बाद अब प्रदेश में योगी मॉडल की चर्चा तेज हो गई. दरअसल, बिहार की यूपी से सिर्फ सीमा ही नहीं जुड़ती, बल्कि भाषा, खानपान, रीति-रिवाज भी समान है. दोनों राज्यों में एक और समानता है, अपराध.
2017 से पहले तक यूपी-बिहार के हालात समान थे. लूटपाट, हत्या, फिरौती और अपहरण में इन प्रदेशों का नाम सबसे ऊपर लिया जाता था. कहीं भी, कभी भी दंगा हो जाता था. प्रदेश में कोई बड़ा उद्योगपति जाने से डरता था. 2017 के बाद से यूपी के हालात तो सुधरने लगे, लेकिन बिहार अब भी इन्हीं समस्याओं से जूझ रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है दोनों प्रदेशों की सरकारों का कामकाज और अपराध के प्रति उनका रवैया.
2017 के बाद से सुधर गया यूपी
2017 में जब योगी ने यूपी की कमान संभाली तो उन्होंने अपराध के प्रति जीरो-टालरेंस की नीति अपनाने का वादा किया. पुलिस को खुली छूट तो यूपी पुलिस की बंदूकें आग उगलने लगीं. पेशेवर अपराधियों के एनकाउंटर शुरू हुए तो उनमें खौफ पैदा हुआ और वह पुलिस के पास सरेंडर करने पहुंचने लगे. दंगाईयों पर लगाम कसने के लिए चौराहों पर उनके पोस्टर लगाए जाने लगे. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही उसकी वसूली होने लगी और अंत में आया बुलडोजर मॉडल.
योगीराज में जीरो टॉलरेंस की नीति
योगीराज में अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलने लगा, तो विपक्ष ने काफी हो-हल्ला मचाया. मामला कोर्ट तक गया, लेकिन इसके बाद भी अपराधियों के प्रति जीरो-टालरेंस की नीति पर सीएम योगी कायम रहे. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में 6 साल में 10,500 से अधिक एनकाउंटर हुए, इसमें 178 बदमाशों को मार गिराया गया.
जनता को पसंद है बुलडोजर मॉडल
नतीजा ये निकला कि अब यूपी में दंगे होने बंद हो गए. अपराधी जेलों में बंद हैं और प्रदेश में निवेश के नए-नए विकल्प सामने आ रहे हैं. जनता को योगी का बुलडोजर मॉडल काफी पसंद आ रहा है. यही कारण है कि असम हो या कर्नाटक, गुजरात हो या मध्य प्रदेश बीजेपी शासित सभी राज्यों में इसकी झलक दिख जाती है. बिहार में भी यदि यही मॉडल लागू किया जाए, तो निवेश के मार्ग खुल सकते हैं.
महागठबंधन के साथी नहीं होंगे सहमत
हालांकि, मौजूदा सरकार में यह कदम आसान नहीं क्योंकि महागठबंधन के कई साथी इस पर सहमत नहीं होंगे. राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी तो योगी मॉडल की खुलकर मुखालफत करते हैं. उनका कहना है कि संविधान में संशोधन करना चाहिए और योगी आदित्यनाथ को सभी जगह का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. बीजेपी पर वार करते हुए उन्होंने कहा कल तक जो कह रहे थे कि नीतीश कुमार अच्छे हैं, अब वही योगी मॉडल की मांग कर रहे है