बिहार में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में जनता का सहयोग जरूरी : गुप्तेश्वर पांडेय
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बिहार में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में जनता का सहयोग जरूरी : गुप्तेश्वर पांडेय

बक्सर जिले के छोटे से गांव गेरुआबंध के रहने वाले पांडेय ने कहा कि पुलिस की कोई भी उपलब्धि उनकी निजी नहीं होगी, बल्कि वह पुलिस विभाग की उपलब्धि होगी.

बिहार के नेए डीजीपी ने कहा कि काम नहीं करने वाले पुलिस अधिकारी नपेंगे. (फाइल फोटो)

पटना : बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय का मानना है कि पुलिस का मुख्य काम कानून व्यवस्था बनाए रखना और अपराध पर नियंत्रण रखना है और यह काम सामूहिक प्रयास से ही हो सकता है. उनका कहना है कि जनता के सहयोग के बिना इन दोनों कामों में सफल नहीं हुआ जा सकता. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो पुलिसकर्मी काम करेंगे, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा और जो नहीं करेंगे वे नपेंगे भी. 

हमेशा से सामुदायिक पुलिसिंग की वकालत करते रहने वाले 1987 भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पांडेय का कहना है कि कॉन्स्टेबल (सिपाही) से लेकर अधिकारी तक के सहयोग से सरकार की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास किया जाएगा. 

पुलिस महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने के बाद आने वाली चुनौतियों के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "पुलिस के सामने हमेशा से चुनौतियां होती हैं, क्योंकि पुलिस का काम ही है विधि व्यवस्था को बनाए रखना. मैं एक टीम बनाऊंगा, जिसमें कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक के लोग रहेंगे. कोई भी बड़ा निर्णय इस टीम के सलाह-मशविरा के बाद लिया जाएगा."

बिहार के बक्सर जिले के छोटे से गांव गेरुआबंध के रहने वाले पांडेय ने कहा कि पुलिस की कोई भी उपलब्धि उनकी निजी नहीं होगी, बल्कि वह पुलिस विभाग की उपलब्धि होगी. राज्य में हर हाल में कानून का राज कायम करने की बात दोहराते हुए उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों से कोई समझौता नहीं होगा. 

फेम इंडिया मैगजीन ने पिछले दिनों एशिया पोस्ट सर्वे के आधार पर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को 25 सर्वश्रेष्ठ सुपर कप्स 2017 (बिहार) में जगह दी है. सात कैटेगेरी क्राइम कंट्रोल, ईमानदारी, कर्तव्य निष्ठा, अपने कर्मियों से संबंध, जन संबंध, छवि और कार्यकाल के आधार पर सर्वे में इन्हें उच्च रेटिंग मिली है. राज्य के 25 से ज्यादा जिलों में पुलिस अधिकारी के रूप में काम कर चुके पांडेय की छवि एक कड़क पुलिस अधिकारी और जनता से मित्रवत संबंध रखने वाले पुलिस अधिकारी की रही है. 

हाल के दिनों में बिहार की कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए जाने पर पांडेय ने बेबाकी से कहा, "पुलिस ने कई अच्छी और बड़ी सफलता भी हासिल की है, लेकिन अपराध की घटनाओं को ज्यादा प्रसारित किया जाता है. पुलिस के अच्छे कामों का भी जिक्र होना चाहिए." संवदेनशील पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जानेवाले पांडेय ने कहा कि जनता का हित सर्वोपरि है, पुलिस जनता के लिए काम करेगी. 

पुलिस महानिदेशक बनाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि यह कैसे हुआ. मुझे विश्वास भी नहीं था. मैंने तो कभी भी इसके लिए सोचा भी नहीं था और ना ही कभी इस पद की दौड़ में रहता था." 

जनता के बीच मिलनसार अधिकारी की छवि बना चुके पांडेय ने राज्य में शराबबंदी के बाद जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं. उन्होंने राज्यभर में घूम-घूमकर लोगों के बीच जाकर शराब से होने वाले नुकसान से लोगों को अवगत कराया था. पांडेय ने अब तक 180 से ज्यादा जागरूकता सभाएं की हैं. गुप्तेश्वर पांडेय डीजीपी बनने से पहले निदेशक (प्रशिक्षण) के साथ-साथ बिहार पुलिस अकादमी के महानिदेशक का प्रभार भी संभाले हुए थे.