सरकार ने 1075 करोड़ भी बच्चों के विकास पर खर्च नहीं किए. इस कारण केंद्र सरकार के फंड को डायवर्ट कर दिया.
Trending Photos
पटना : बिहार सरकार बच्चों से कुपोषण दूर करने को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 2014-2015 की तुलना में इस वर्ष इंट्रीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आईसीडीएस) की बजट में काफी कटौती की गई है. यह कटौती आधे से अधिक है. बिहार सरकार के आम बजट का लगातार आकार घट रहा है. ज्ञात हो कि 2014-2015 में आईसीडीएस का बजट 2238 करोड़ रुपए का था.
आईसीडीएस के बजट को 2017-2018 में 988 करोड़ रुपये कर दिया गया. 2014-2015 में केंद्र सरकार के द्वारा 1281 करोड़ रुपए की मदद दी गई थी. वहीं, 2017-2018 में बिहार सरकार को इस मद में खर्च करने के लिए 1075 करोड़ रुपए मिले थे.
सरकार ने 1075 करोड़ भी बच्चों के विकास पर खर्च नहीं किए. इस कारण केंद्र सरकार के फंड को डायवर्ट कर दिया.
ज्ञात हो कि सरकारी रिपोर्ट में भी मुजफ्फरपुर में चमकी से मरने वाले बच्चों में कुपोषण की बात सामने निकलकर आयी थी. इसके बावजूद सरकार कुपोषण को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है. कुपोषण से लड़ने को लेकर सरकार की तरफ से कोई भी बड़ा अभियान नहीं चलाया गया.