पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने न्यायालय के आदेश के बाद राजधानी पटना स्थित 5 देशरत्न मार्ग स्थित बंगले को खाली कर दिया है. तेजस्वी यादव को यह बंगला उपमुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित किया गया था. लेकिन अब उनसे बंगला खाली करा दिया गया है. वहीं, अब बंगला खुलने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस बंगले की सुविधाओं पर सवाल खड़ा किया है. वहीं, आश्चर्य किया है कि यह बंगला राष्ट्रपति, पीएम और सीएम के आवास से भी अच्छा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिहार में काफी सफय से बंगले पर राजनीति चल रही है. तेजस्वी यादव के बंगले को लेकर सत्तापक्ष विपक्ष आपस में लगातार आमने-सामने रहते हैं. वहीं, पहले बंगला खाली कराने को लेकर खबर सुर्खियों में रहती थी. वहीं, अब बंगला खाली होने के बाद भी खबर सुर्खियों में है.


तेजस्वी यादव ने न्यायालय के आदेश के बाद बंगला खाली कर दिया है. हालांकि वह पहले बंगला खाली करने को तैयार नहीं थे. इसके लिए वह हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. आखिरकार उन्हें बंगला खाली करना ही पड़ा.


वहीं, अब बंगला खाली करने के बाद जब उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जिन्हें यह बंगला अलॉट किया गया है, उन्होंने जब बंगले को देखा तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बंगले में आने में 18 महीने लग गए. इस बंगले को देखने के बाद पता चला कि इतना समय क्यों लगा. उन्होंने कहा कि 27 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने ऐसा सरकारी बंगला नहीं देखा है.


यह भी पढ़े- तस्वीरों में देखिए तेजस्वी यादव का '7-स्टार' बंगला, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे थे इसे बचाने


सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, राजभवन और मुख्यमंत्री आवास से भी अच्छा है 5, देशरत्न मार्ग का बंगला. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम रहते हुये वर्तमान विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है.


वहीं, इस बारे में भवन निर्माण विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा है कि उन्हें इस बंगले की सुविधाओं की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि वह इस बंगले की समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 5 साल में 6 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान है. अगर इसमें सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ होगा तो विभाग के पदाधिकारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.


वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का आदेश अगर स्वंय तेजस्वी यादव ने दिया है और उन्होंने पेपर पर अपने हस्ताक्षर किए हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है. क्योंकि इस देश में सभी के लिए एक कानून है. उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद अगर जरूरत पड़ी तो कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी.