मुरलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राम मनोहर गोपाल डॉक्टर के तौर पर तैनात हैं. ज्वाइनिंग के बाद से ही वो अस्पताल नहीं जा रहे हैं, लेकिन रजिस्टर में उनकी उपस्थिति पूरी है.
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Purnia: कोरोना (Corona) की दूसरी लहर से पूरे देश प्रभावित हैं. जिस वजह से पूरा देश डॉक्टर्स की तरफ से मदद की निगाह से ही दिख रहा है. लेकिन अगर कोई आप से कहे कि इसके बाद भी कोई डॉक्टर बिना अस्पताल जाये अपना वेतन उठा रहे हो तो आप को हैरानी होगी. कुछ ऐसा ही मामला मधेपुरा (Madhepura)के मुरलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Murliganj Community Health Center) से आया है. जिसके बाद लोग काफी ज्यादा हैरान हैं. वहीं इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सीएस डॉ. एएन शाही ने इस मामले की जांच की बात कही है.
दरअसल, मुरलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राम मनोहर गोपाल डॉक्टर के तौर पर तैनात हैं. ज्वाइनिंग के बाद से ही वो अस्पताल नहीं जा रहे हैं, लेकिन रजिस्टर में उनकी उपस्थिति पूरी है. इसके अलावा वो अपना पूरा वेतन उठा रहे हैं. वो पिछले दो महीनों से अस्पताल नहीं गए हैं.
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जी बिहार झारखंड के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उपस्थिति रजिस्टर की कॉपी है. जिससे साफ है कि वो फरवरी महीने में छुट्टी पर थे, जबकि मार्च में उपस्थिति दिखाई दे रही है. हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और है. स्थानीय निवासी सतीश चंद्र उर्फ गोल्डू यादव का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था चरमराई हुई है. डॉक्टर राम मनोहर गोपाल स्वास्थ्य केंद्र में कभी नहीं आते हैं, जिस वजह से गांववालो को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं जब इस मुद्दे पर अस्पताल प्रबंधक और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
मधेपुरा की सीएस डॉ. एएन शाही का कहना है कि डॉक्टर राम मनोहर फरवरी महीने में छुट्टी पर गए थे, लेकिन अब तक उनके आने की कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में अगर अगर रजिस्टर में उनकी उपस्थिति दिखाई गई है तो इसकी जांच कराई जाएगी.