Gaya Samachar: मोहल्ले के रहने वालों ने बताया कि पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां पानी नहीं है. सड़क के दूसरी छोर के गांव में पानी पर्याप्त है.
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Gaya: गया के शहरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पहाड़पुर गांव में 1 हजार की आबादी है. पिछले कई वर्षों से यहां पेयजल के लिए सरकार के द्वारा कोई व्यवस्था नही की गई है. इन मोहल्लेवासियों की समस्या ना पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने सुनी और ना ही इस पर विधायक और सांसदों ने ध्यान दिया.
वहीं, मोहल्ले के रहने वालों ने बताया कि पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां पानी नहीं है. सड़क के दूसरी छोर के गांव में पानी पर्याप्त है. इसके लिए लोग खेतों में पटवन करने वाले सबमर्सिबल से पीने का पानी लेते है और पानी के बदले एक हजार रुपए महीना देते है.
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जानकारी के अनुसार, इस गांव में 100 घर है. गांव में 5-5 घरों के लोग मिलकर खुद का पाइप खरीद सड़क के उस पार से खेतों में लगे मोटर पम्प से पानी को लेकर पेयजल के लिए प्रयोग करने को मजबूर हैं. इसके एवज में प्रति घर 12 हजार रुपए सालाना राशि भी तय है. लोग इसी तरह 1 हजार रुपए महीने पानी खरीद कर पीने को मजबूर है.
स्थानीयों ने कहा, 'Phd विभाग, नगर विधायक और पंचायत के मुखिया सभी जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर तथा पानी की समस्या को दूर करने की गुहार लगा कर थक चुके है. अधिकारी हमारे क्षेत्राधिकार में नही है यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते है.'
स्थानीय लोगों का ने बताया कि नल जल योजना के तहत उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. लोगो का कहना है कि 'यंहा पर रहने वाले सभी लोगों को पानी की बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यंहा पर रहने वाले सभी लोग एक हजार रुपए महीना देकर पानी खरीदते हैं, तभी हमें पानी मिलता है. पानी सुबह 15 मिनट और शाम में 15 मिनट मिलता है. अगर इन 15 मिनट में आपका काम हो गया तो हो गया नहीं हुआ तो आप अपना जानिए. हम लोग 2016 से पानी खरीद कर पी रहे हैं.'
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इधर, इस संबंध में नगर प्रखंड के विकास पदाधिकारी बलवंत कुमार पांडेय का कहना है कि 'मेरी जानकारी के अनुसार पहाड़पुर क्षेत्र जो है PHED के क्षेत्र में आता है. फिर भी अगर कोई लिखित शिकायत आती है कि लोग महंगे दामों पर प्राइवेट लोगों के प्राइवेट बोरिंग से पानी खरीद और बेच रहे है तो हम अपने ऊपर के अधिकारी को सूचित करेंगे और ऐसे लोगों पर करवाई करेंगे.'
किसानो ने बताया की 'मेरे खेत में जो मशीन है उससे पानी देकर वहां के लोगों को मदद करते है और उसके एवज में महीना पर 500 से एक हजार रुपए लेते है. क्योंकि पहाड़पुर में पानी बहुत ही कम है तो हम किसान लोग ही मिलकर पानी देते है.'
(इनपुट- जय प्रकाश कुमार)