आशुतोष चंद्रा/पटनाः अगर आप कार के शौकीन है और आप उसे खरीद नहीं सकते तो आपके लिए यह अच्छी खबर है. कार की चाहत रखने वाले लोगों को अब कार खरीदने की जरुरत नहीं पड़ेगी. दरअसल, परिवहन विभाग ने रेंट ए कैब नाम की योजना शुरू की है. जिसके तहत लोगों को अब निर्धारित दर पर कार किराये पर दिए जाएंगे, वह भी तीन सालों तक के लिए किराये पर कार ले सकते हैं. परिवहन विभाग की ओर से शनिवार को रेंट ए कैब नाम की स्कीम शुरु की.


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बिहार में सफर अब और आसान होने जा रहा है. अब आम आदमी भी चाहे तो बिना कार खरीदे कार का मजा ले सकता है. शनिवार को परिवहन विभाग की ओर से रेंट ए कैब नाम के स्कीम की शुरुआत की गयी. परिवाहन मंत्री संतोष निराला और सचिव संजय अग्रवाल ने योजना की शुरुआत की. रेंट ए कैब स्कीम के तहत अब कोई भी व्यक्ति बिना ड्राईवर के कार रेंट पर ले सकता है. 


इस बारे में परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि परिवहन विभाग ने योजना के लिए मोटर यान अधिनियम 1988 के तहत जूम कार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को लाईसेंस दिया गया है. योजना के पहले चरण में पटना में 25 गाड़ियां किराये पर उपलब्ध कराई गई हैं. गाडी रेंट पर लेने के लिए उपभोक्ता को अपने मोबाईल पर एक एप्प डाउनलोड करना होगा. जिसमें कितने दिनों के लिए कौन सी गाड़ी लेनी है उसका चयन करना होगा.


वहीं, अगर गाड़ी का मंथली सब्सक्रिप्शन चाहिए तो उपभोक्ता को 3 हजार रुपये एडवांस देने होंगे. कार को उपभोक्ता को जिस तरह की गाड़ी होगी उस हिसाब से पैसे देने होंगे. जिसमें 70 रुपये प्रति घंटे से लेकर 135 रुपये प्रति घंटे वाली का ऑप्सन होगा. वहीं, वीकएंड में यही दर 115 रुपये प्रतिघंटा से लेकर 185 रुपये प्रति घंटा हो जाएगा. उपभोक्ताओं को छोटी से लेकर बड़ी एसयूवी गाडियां चुन सकते हैं. परिवन विभाग ने जिस जूम कंपनी को टैक्सी चलाने की अनुमति दी है पूरे देश में उनकी 10 हजार टैक्सियां इसी फार्मेट में चल रही है. ईस्टर्न राज्यों में तीन हजार टैक्सियां अभी चल रही हैं. 


परिवहन सचिव ने बताया कि विभाग की ओर से बिहार टैक्सी परिचालन अनुदेश 2018 नियमावली तैयार किया गया है. नयी नियमावली का मकसद टैक्सी के सफर को और बेहतर बनाना है. सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि नई नियमावली के तहत इसी महीने दो राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां भी बिहार में टैक्सी सेवा उपलब्ध कराएंगी. ये कंपनियां राष्ट्रीय स्तर की टैक्सी सुविधा बिहार के लोगों को उपलब्ध कराएंगी. संजय अग्रवाल ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि ट्रैफिक के बढते लोड को कम करने के लिए लोगों के बीच गाडी खरीदने की बजाय गाडी रेंट पर लेने की प्रवृत्ति बढ़ाई जाए. 


योजना की शुरुआत के मौके पर विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने परिवन सुविधा को रोजगार से भी जोडने की कोशिश की है. जिसके तहत मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना तैयार हुई है. योजना के तहत एक लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है. पहले चरण में 11929 युवाओं को यात्री गाडी खरीद के लिए वित्तीय अनुदान उपलब्ध करा दिया गया है. जबकि दूसरे चरण के लिए 20 हजार युवाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया है. जिन्हें जनवरी महीने में यात्री गाडी खरीद केलिए एक लाख रुपये तक वित्तीय अनुदान उपलब्ध करा दिया जाएगा.